पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नेपाल निवासी सुदीप न्यौपाने की मौत से उसका परिवार गहरे शोक में है। इकलौते बेटे को खो देने का दर्द मां और बहन की बातों में साफ झलक रहा है। परिवार का एक ही सवाल है – आखिर सुदीप का क्या दोष था? क्यों उसकी जान ले ली गई?
सुदीप की मां रीना पांडे और बहन सुषमा ने बिलखते हुए अपना दर्द साझा किया। उनका कहना है कि सुदीप ने सच बोला, झूठ नहीं बोला। जब हम सबने अल्लाह कहा और सिर झुकाकर बैठ गए, तब वो हिंदू की लाइन में चला गया और उसकी छाती में गोलियां उतार दी गईं।
"मेरा भाई छिपा नहीं, दो गोलियां खाईं सीने पर" – बहन सुषमा का बयान
बीबीसी हिंदी से बातचीत में सुषमा ने कहा, "हमने अल्लाह कहा और झुक गए, लेकिन मेरा भाई नहीं झुका। उसने कहा कि वो हिंदू है। उसे मार दिया गया। भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी में मेरे निर्दोष भाई की जान चली गई। हम तो खुश होकर कश्मीर घूमने गए थे। अब हमारी बस एक ही इच्छा है – उसे शहीद का दर्जा मिले।"
उन्होंने बताया कि सुदीप बेहद जिम्मेदार और परिवार से बेहद प्यार करने वाला था। "हम परिवार में सिर्फ तीन थे – मां, मैं और भाई। अब भाई भी नहीं रहा। उसको सिर्फ हिंदू होने की सजा मिली।"
"मेरे बेटे को किस बात की सजा मिली?" – मां रीना पांडे का सवाल
सुदीप की मां रीना बेटे की मौत से टूट चुकी हैं। उनका कहना है, "हम तो वहां घूमने गए थे, मरने नहीं। हिंदू बोलने पर उसके सीने में गोली मार दी। क्या दोष था उसके? उन्होंने कहा – मुस्लिम एक ओर, हिंदू एक ओर। मेरा बेटा अगर मुस्लिम बोल देता तो शायद बच जाता। लेकिन उसने बार-बार कहा – 'मैं नेपाली हूं, हिंदू हूं, मैंने कोई गलती नहीं की।' उसने भागने की कोशिश भी नहीं की, फिर भी उसे मार दिया गया।"
रीना पांडे बार-बार कह रही हैं कि भारत सरकार को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। "मेरा बेटा मेरा संसार था। अब मेरा कौन है? बीमार होऊंगी तो कौन देखेगा मुझे?"
"अल्लाह बोलकर झुक गए, पर सुदीप ने सच कहा और मारा गया" – जीजा युवराज की आपबीती
सुदीप के जीजा युवराज ने बताया, "हमें गोली की आवाज सुनाई दी, तो लोकल लोगों ने कहा कि बंदर भगाने के लिए आवाज की गई है। लेकिन कुछ मिनटों बाद तेज फायरिंग होने लगी। एक कपड़ा बेचने वाले ने हमें सलाह दी – अल्लाह कहकर झुक जाओ, कुछ नहीं होगा। हम तीन लोगों ने वैसा ही किया, लेकिन सुदीप ने नहीं। उसने कहा – 'मैं हिंदू हूं', और उसे गोली मार दी गई।"
युवराज बताते हैं कि आतंकी ने सुदीप की छाती में दो बार गोली चलाई और कुछ ही मिनटों में चला गया। "हमें न भारत से कोई गिला है, न पाकिस्तान से। हम टूरिस्ट हैं। लेकिन अब हम बॉर्डर पार करने की भी हिम्मत नहीं कर पाएंगे।"
"क्यों मारा गया मेरा दोस्त?" – सुदीप के दोस्तों का सवाल
सुदीप के दोस्त उसकी मौत से बेहद दुखी हैं। एक दोस्त ने कहा, "हम रात को 11 बजे तक साथ बैठते थे। सुदीप को हेल्थ और लाइफ की गहरी समझ थी। वो निर्दोष था, बस कश्मीर घूमने गया था। लेकिन भारत-पाकिस्तान की दुश्मनी में उसे क्यों मारा गया?"