जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास हुए आतंकी हमले में अपने पति को खो चुकी पुणे की एक महिला ने गुरुवार को उस भयावह घटना का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब आतंकवादी समूह के पुरुषों से ‘अजान’ पढ़ने को कहने लगे, तो समूह की सभी महिलाओं ने अपने माथे से बिंदी हटा दी और ‘अल्लाहु अकबर’ कहना शुरू कर दिया। वे अपनी धार्मिक पहचान छिपाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन इसके बावजूद उनके पति और उनके दोस्त को आतंकियों ने बेरहमी से मार डाला। कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गणबोटे, जो मंगलवार को बैसरन में हुए हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक थे, ने बताया कि जब एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति ने आतंकियों से पूछा कि वे निर्दोष लोगों को क्यों मार रहे हैं, तो आतंकियों ने उसे भी गोली मार दी। उन्होंने यह सब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के नेता शरद पवार को बताया, जो पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे।
संगीता के पति के बचपन के दोस्त संतोष जगदाले भी इस हमले में मारे गए। दोनों परिवार एक साथ कश्मीर घूमने गए थे, तभी चार हथियारबंद आतंकियों ने उन्हें बैसरन में रोका और धर्म से जुड़े सवाल पूछने लगे। संगीता ने भावुक होकर कहा, "वे हम सभी से अजान पढ़ने को कह रहे थे। हम महिलाओं ने पढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी उन्होंने हमारे पुरुषों को गोली मार दी। एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति ने जब सवाल उठाया तो उसे भी मार दिया गया।"
उन्होंने कहा, "जब आतंकियों ने मेरे पति के दोस्त से पूछा कि क्या वह अजान पढ़ सकता है, तो सभी महिलाओं ने तुरंत अपनी बिंदियां हटा दीं और ‘अल्लाहु अकबर’ कहना शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी उन्होंने दोनों पुरुषों को मार डाला और भाग गए।"
संतोष जगदाले की बेटी असावरी और उनकी मां प्रतिभा ने भी पवार को इस भयानक मंजर के बारे में बताया। परिवार ने कहा, "चार-पांच आतंकी अचानक आ गए और पूछने लगे कि हम हिंदू हैं या मुस्लिम, और क्या कोई मुसलमान कलमा पढ़ सकता है।" उन्होंने बताया कि हमले में लोगों को सिर, आंख और सीने में गोली मारी गई।
जगदाले की पत्नी ने कहा कि जब हमला हुआ, वहां कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा, "हम इतने डर गए थे कि मदद के लिए चिल्ला भी नहीं सकते थे, चारों ओर बंदूकधारी खड़े थे।"
उन्होंने यह भी कहा कि जब उनके पति और गणबोटे को अस्पताल ले जाया गया, तो काफी देर तक कोई जानकारी नहीं मिली। प्रतिभा जगदाले ने बताया, "रात 10 बजे तक हमें कहा गया कि वे जीवित हैं, फिर अचानक कहा गया कि वे मर चुके हैं।" उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए बंद किया जाए।
प्रतिभा ने कहा, "अब हम क्या करें? मैंने अपने पति को खो दिया… मेरी बेटी ने अपने पिता को खो दिया।" उन्होंने यह भी मांग की कि इन निर्दोष पुरुषों की हत्या करने वाले आतंकियों को कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने बताया कि यह कश्मीर में उनका पहला दिन था। "बच्चे रो रहे थे, हम नीचे आते हुए कीचड़ में गिर गए, चलना तक मुश्किल था।"
बाद में सोशल मीडिया पर शरद पवार ने कहा कि वे पुणे के दो पीड़ितों, संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे के परिवारों से मिलने गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "इस कायरतापूर्ण हमले में डोंबिवली के अतुल मोने, संजय लेले और हेमंत जोशी, और पनवेल के दिलीप देसले समेत कई निर्दोष भारतीयों की जान चली गई। मैं सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"
उन्होंने इस घटना को दिल दहला देने वाला बताया और कहा, "यह बेहद पीड़ादायक है कि निर्दोष पर्यटक इस जघन्य कृत्य का शिकार बने। मैं इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमें आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने होंगे और देश की सुरक्षा को और मजबूत करना होगा।"