आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विभिन्न देशों में भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। सरकार द्वारा कांग्रेस की ओर से भेजी गई लिस्ट में सिर्फ एक नाम को चुना गया, जिसे लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए गए सांसदों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'क्रोनोलॉजी को समझिए। 16 तारीख को केंद्र सरकार की तरफ से किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से संपर्क किया और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए कांग्रेस से 4 नामों की मांग की। उसी दिन दोपहर 12 बजे से पहले राहुल गांधी ने एक पत्र के साथ हमारी पार्टी के चार नाम भेजे – आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, नासिर हुसैन और राजा बरार। लेकिन सरकार की मंशा शुरू से ही शरारती थी। उन्होंने सूची में हमारे अलावा चार अन्य नाम शामिल किए, जिनमें से केवल आनंद शर्मा का नाम हमारी सूची से था।'
‘ऑपरेशन सिंदूर का हो रहा राजनीतिकरण’
जयराम रमेश ने आगे कहा, “हमारे सांसद हैं, कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं, उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए। हमारी ओर से जिन चार नामों की सिफारिश की गई थी, उनमें से केवल एक को शामिल किया गया है। हम समझते हैं कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का राजनीतिकरण किया जा रहा है। लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का यह स्पष्ट मत है कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। जिन अन्य चार सांसदों को शामिल किया गया है, वे पार्टी की ओर से नामित नहीं हैं, फिर भी उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए और इस मसले को राजनीतिक रूप न दें।"
सरकार ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी को भी प्रतिनिधिमंडल में किया शामिल
सरकार की ओर से जिन चार कांग्रेस सांसदों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है, उनमें शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह और आनंद शर्मा के नाम हैं। इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया है, हालांकि वे वर्तमान में सांसद नहीं हैं। वहीं अमेरिका, ब्राजील, गुयाना और कोलंबिया की यात्रा पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शशि थरूर को सौंपा गया है।