उत्तर-पश्चिम रेलवे: काम के दबाव के चलते और बेटी की शादी के लिए नहीं मिल रही थी छुट्टी, रिकॉर्ड रूम में दे दी जान
By: Rajesh Bhagtani Tue, 21 Jan 2025 1:32:44
जयपुर। राजधानी जयपुर में जवाहर सर्किल थाना इलाके में स्थित उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय में सोमवार को यूनियन सेल के चीफ ऑफिस सुपरिटेंडेंट (ओएस) ने रिकॉर्ड रूम में आत्महत्या कर ली। उन्होंने अग्निशमन के पाइप पर रस्सी का फंदा बनाया था। आरपीएफ ने शाम 5.30 बजे जवाहर सर्किल थाना पुलिस को सूचना दी। जिसने शव उतरवा कर जयपुरिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर एफएसएल टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्रित किए। मृतक कर्मचारी के पास से एक नोट बरामद हुआ है, जिसमें छुट्टी नहीं देने और साथी कर्मचारियों पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार चीफ ओएस नरसीलाल मीणा अलवर जिले के राजगढ़ के रहने वाले थे। जयपुर में जगतपुरा स्टेशन स्थित रेलवे के अपार्टमेंट में रहते थे। वे रोजाना की तरह सुबह ऑफिस टाइम पर पहुंचे थे। इसके बाद 10.15 बजे अपनी टेबल पर मोबाइल और टिफिन छोड़कर कहीं चले गए। लंच टाइम में भी साथी कर्मचारियों को नहीं दिखे। इसी बीच कार्मिक विभग में कार्यरत उनके एक रिश्तेदार के पास उनके ससुर रामसिंह मीणा का फोन आया। उन्होंने कहा नरसी फोन नहीं उठा रहे हैं, तुम्हें पता है कहाँ हैं? इसके बाद सभी उन्हें ढूंढ़ने लगे, लेकिन नहीं मिले। इसी बीच एक कर्मचारी ने बताया कि नरसीलाल काफी समय से किसी रिकॉर्ड को तलाश रहे थे। इस पर सभी कर्मचारी उन्हें तलाशते हुए मुख्यालय के बेसमेंट में पहुँचे, जहाँ कार्मिक विभाग के रिकॉर्ड रूम में अग्निशमन के पाइप पर फंदे पर लटके मिले। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
लम्बे समय से नहीं दे रहे थे छुट्टी, काम का दबाव डाला
नरसी के ससुर और रेलवे के सेवानिवृत सीनियर एसओ (अकांउट्स) रामसिंह मीणा ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही मीणा ने जलदाय विभाग में कार्यरत बेटी की सगाई की थी। अप्रैल में शादी तय हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि मीणा को लम्बे समय से छुट्टी नहीं दी जा रही थी। सगाई के दिन भी बार-बार फोन कर परेशान कर रहे थे। इससे वह मानसिक अवसाद में थे। काम का दबाव भी बढ़ता जा रहा था।
रेलवे कर्मचारी संगठन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है। साथ ही आरोप लगाया है कि काम का ज्यादा दबाव होने के कारण कर्मचारी तनाव में था। उनके रिटायरमेंट होने में 1 साल का समय बचा था।
वैसे तो घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन पुलिस ने भी बिना तलाशी लिए शव एम्बुलेंस से रवाना कर दिया।