जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नहीं मिला कोई कैश… दिल्ली फायर विभाग के चीफ का बयान
By: Kratika Maheshwari Fri, 21 Mar 2025 7:37:05
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से कथित तौर पर मिले करोड़ों रुपये की नकदी के मामले में नया मोड़ आया है। दिल्ली अग्निशमन विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि अग्निशमन अभियान के दौरान जज के घर से कोई नकदी नहीं मिली थी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले की प्रक्रिया किसी दंडात्मक कदम से संबंधित नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत आंतरिक जांच की जा रही है और उनका तबादला उस जांच से संबंधित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के बयान में कहा गया, "जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं... जस्टिस यशवंत वर्मा, जो दिल्ली उच्च न्यायालय में दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और कॉलेजियम के सदस्य हैं, को उनके मूल उच्च न्यायालय यानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव, जहां वे वरिष्ठता में नौवें स्थान पर होंगे, स्वतंत्र और आंतरिक जांच प्रक्रिया से अलग है। भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों वाले कॉलेजियम द्वारा 20 मार्च 2025 को प्रस्ताव की जांच की गई और उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के परामर्शी न्यायाधीशों, संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पत्र लिखे गए। प्राप्त प्रतिक्रियाओं की जांच की जाएगी और उसके बाद ही कॉलेजियम कोई प्रस्ताव पारित करेगा।"
दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख ने क्या कहा?
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में बताया कि 14 मार्च की रात 11 बजकर 35 मिनट पर लुटियंस दिल्ली स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में आग लगने की सूचना मिली थी। इसके बाद दमकल की दो गाड़ियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। गर्ग ने बताया कि दमकल की गाड़ियां रात 11:43 बजे मौके पर पहुंचीं और आग स्टेशनरी और घरेलू सामान से भरे एक स्टोर रूम में लगी थी। आग पर काबू पाने में 15 मिनट का समय लगा और इस घटना में किसी के भी घायल होने की सूचना नहीं है।
डीएफएस प्रमुख ने कहा, "आग बुझाने के बाद हमने तुरंत पुलिस को आग की घटना की सूचना दी। उसके बाद अग्निशमन विभाग के कर्मियों का दल घटनास्थल से रवाना हो गया। हमारे अग्निशमन कर्मियों को इस अभियान के दौरान कोई नकदी नहीं मिली।"
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया था कि जस्टिस वर्मा के आवास से कथित तौर पर नकदी बरामद की गई थी, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की है। इसके साथ ही कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया है।