नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली, लखनऊ, भोपाल, वाराणसी समेत देश के कई शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमे की नमाज के दौरान हाथों पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। नमाजियों ने आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए देश में अमन, भाईचारे और इंसानियत के संदेश को आगे बढ़ाया।
AIMIM प्रवक्ता शोएब जमई ने कहा कि जो कुछ भी पहलगाम में हुआ, वह देश के लिए शर्मनाक और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आतंकी इंसानियत के दुश्मन हैं, और उनके लिए हमारे दिल में सिर्फ लानत है। हमारी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी जी सरकार के हर जरूरी कदम के साथ खड़े हैं।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा में चूक कैसे हुई। साथ ही उन्होंने बताया कि स्थानीय कश्मीरियों ने पर्यटकों की मदद की, लेकिन राहत पहुंचने में देरी हुई, जो चिंता का विषय है।
वाराणसी, लखनऊ और भोपाल में भी जुमे की नमाज के दौरान पीड़ितों की आत्मा की शांति के लिए दुआ की गई। नमाजियों ने कहा कि धर्म नहीं, इंसानियत मरी है और इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
इमाम फजलुल मन्नान रहमानी (टीले वाली मस्जिद, लखनऊ) ने बताया कि उन्होंने नमाजियों से अपील की थी कि वे काली पट्टी बांधकर शांति से विरोध दर्ज करें और सरकार द्वारा लिए गए हर निर्णय में साथ खड़े रहें। उन्होंने कहा, “भारत अगर आतंक के खिलाफ युद्ध का फैसला करता है, तो देश का मुसलमान सेना के साथ होगा।”
भोपाल में भी मुस्लिम समुदाय ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और मांग की कि सीमा सुरक्षा को और मजबूत किया जाए, ताकि आतंकियों को देश में घुसने से रोका जा सके।
नमाजी अरबाज ने कहा, “हमारा खून खौल रहा है, आतंकियों ने हमारे निर्दोष भाइयों का खून बहाया है। अब सरकार को निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।”
इस हमले के बाद भारत के कोने-कोने से जो आवाजें उठ रही हैं, वे सिर्फ एक बात कह रही हैं — आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है।