असम में मुस्लिमों को नहीं मिलेगा बहुविवाह का अधिकार, प्रतिबंध लगाने की तैयारी में सरकार
By: Rajesh Bhagtani Mon, 04 Sept 2023 2:49:28
नई दिल्ली। असम में मुस्लिम अब एक से अधिक विवाह नहीं कर पाएंगे। असम सरकार ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वह 45 दिनों के अंदर एक विधेयक लाएगी। इसके विधेयक के पास होते ही इस को कानूनी जामा पहना दिया जाएगा। बहुविवाह भारत में अपराध है लेकिन इससे मुस्लिमों को छूट मिली हुई है।
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को कहा कि वह एक राज्य अधिनियम के तहत बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया है। यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि बहुविवाह (Polygamy) पर प्रतिबंध लगाने का राज्य सरकार के पास अधिकार है या नहीं।
सीएम हिमंता ने ट्वीट करके कहा, 'असम सरकार ने यह जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय लिया है कि राज्य सरकार के पास अपने क्षेत्र में बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है या नहीं। यह समिति एक समान नागरिक संहिता (UCC) के लिए राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 25 और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की जांच करेगी।'
मुस्लिम अपने धार्मिक रिवाज के मुताबिक एक से अधिक विवाह कर सकते हैं। इसके लिए पहली पत्नी की सहमति जरूरी है। यह अधिकार मुस्लिम महिलाओं को नहीं है। असम मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि बहुविवाह पर प्रतिबंध को लेकर सार्वजनिक सूचना के जवाब में 149 प्रतिक्रियाएं मिली। इसमें से 146 विधेयक के समर्थन में हैं। तीन संस्थानों ने बहु विवाह का विरोध जताया है। अब सरकार 45 दिनों में इसे अंतिम रूप देगी। बहु विवाह को लेकर विधेयक पेश किया जाएगा।
21 अगस्त को मांगे थे सुझाव
असम सरकार ने बहुविवाह को लेकर 21 अगस्त को नोटिस जारी किया था। गृह और राजनीतिक विभाग की तरफ से जारी इस नोटिस में 30 अगस्त तक सभी को डाक और ईमेल से सुझाव मांगे गए थे। इसके बाद सरकार के पास 149 प्रतिक्रियाएं इस संबंध में पहुंची। इसमें 146 समर्थन में पाई गई। इससे पहले सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। गौरतलब है 13 जुलाई को मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था कि वह बहुविवाद पर तुरंत ही प्रतिबंध लगाना चाहते हैं।
सितंबर में पेश होगा विधेयक
बहुविवाह को रोकने के लिए विधेयक सितंबर में पेश किया जाएगा। असम विधानसभा में सत्र के दौरान इससे जुड़ा विधेयक पेश किया जाएगा। किसी वजह से अगर यह नहीं हो पाता है तो जनवरी में यह अवश्य ही पेश कर दिया जाएगा। समान नगारिक संहिता अगर इसके बाद आती है तो बहुविवाह प्रतिबंध कानून का विलय हो जाएगा।