वक्फ बिल के खिलाफ जंतर-मंतर पर जुटे मुस्लिम, बोले - हर कुर्बानी देने को तैयार

By: Jhanvi Gupta Mon, 17 Mar 2025 11:50:21

वक्फ बिल के खिलाफ  जंतर-मंतर पर जुटे मुस्लिम, बोले -  हर कुर्बानी देने को तैयार

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस प्रदर्शन में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, टीएससी सांसद अबू ताहिर, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी बसीर, सीपीआई महासचिव सय्यद अजीज पाशा और CPIML सांसद राजा राम सिंह भी शामिल हुए हैं। AIMPLB के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने इस विरोध को किसानों के आंदोलन से जोड़ा और कहा कि जिस तरह कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर किया गया, उसी तरह वक्फ संशोधन विधेयक को भी रोका जाएगा। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ शुरुआत है, आगे और लड़ाई बाकी है। अगर सरकार हमारी आवाज़ नहीं सुन सकती, तो उसे शासन करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।" प्रदर्शनकारियों ने विधेयक को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला करार दिया और इसे हर हाल में रोकने की चेतावनी दी।

‘वक्फ की हिफाजत हमारी जिम्मेदारी’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष उबेदुल्लाह आजमी ने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को इस्लामिक आस्था का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि जैसे नमाज और रोजा जरूरी हैं, वैसे ही वक्फ की हिफाजत भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा, "संविधान हमें हमारे धार्मिक मामलों की सुरक्षा की गारंटी देता है, लेकिन सरकार ने वक्फ की जमीनों को सुरक्षित करने के बजाय, उन पर कब्जा करने के लिए ही कानून बना दिया है।" उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर सरकार को सही मायनों में न्याय करना था, तो उसे वक्फ की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन इसके बजाय, सरकार ने ऐसा कानून लाने की कोशिश की, जो वक्फ की जड़ों पर ही हमला करता है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत को हमने ताबेदारी (आज्ञाकारिता) की बुनियाद पर नहीं, बल्कि वफादारी (निष्ठा) की बुनियाद पर अपनाया है। यह मुल्क किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है।"

‘मुस्लिम समाज चुप नहीं बैठेगा’

आजमी ने साफ कहा कि वक्फ की संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "सबकुछ हड़प लेने की मंशा रखने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि मुस्लिम समाज खामोश नहीं बैठेगा। इस देश के लिए हमारी कुर्बानियां किसी से छिपी नहीं हैं। इंडिया गेट पर बहता हुआ खून इस बात का गवाह है कि इस देश की आजादी में मुसलमानों ने कितना बड़ा योगदान दिया है।" उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "यह सिर्फ शुरुआत है, अभी और संघर्ष बाकी है। वक्फ की हिफाजत के लिए बोर्ड पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगा। हम संविधान की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।"

‘मस्जिदों पर तिरपाल डालने का मुद्दा’

आजमी ने होली के मौके पर मस्जिदों पर तिरपाल डलवाने की घटना को भी उठाया और इसे धार्मिक सौहार्द्र के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, "पहली बार ऐसा हुआ कि मस्जिदों को ढकने की नौबत आ गई। इससे पहले भी कई बार होली आई, लेकिन कभी ऐसा माहौल नहीं देखा।" उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, "जो हुकूमत नफरत की चिंगारी भड़का रही है, वह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है। हिंदू और मुसलमान एक साथ मिलकर ‘हम’ बनते हैं, और इसी एकता ने देश को आजादी दिलाई थी।"

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