मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore News) में बड़ी तादाद में नकली और खराब क्वालिटी की शराब सप्लाई हो रही है। हाल ही में शराब पीने के बाद चार लोगों की मौत ने सबके कान खड़े कर दिये हैं। उसके बाद अब खुद पुलिस ने जनता के लिए एडवायजरी जारी की है कि नकली शराब से सावधान रहें। सस्ती के लालच में न पड़ें। लाइसेंसधारी दुकान से ही शराब खरीदें।
जनता को किया अलर्ट
इंदौर पश्चिम जिले के पुलिस अधीक्षक महेशचंद जैन ने जनता को अलर्ट करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलायी। उन्होंने कहा – 'इंदौर में एक सप्ताह के भीतर ही अलग अलग जगह चार लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हुई है। कुछ लोग बीमार हैं। इन सभी की शराब पीने के बाद तबियत बिगड़ी है। आशंका है कि आसपास के इलाकों में कहीं बहुत ही निम्न क्वालिटी या नकली शराब बनायी जा रही है। उन्होंने कहा इसलिए सिर्फ लायसेंस धारी दुकानों से ही शराब खरीदें।'
3 दिन में 4 दोस्तों की मौत
दरअसल, इंदौर के एरोड्रम थाना इलाके में स्थित पैराडाइज बार 23 जुलाई की दोपहर शिशिर, अभिषेक अग्निहोत्री, सागर अग्रवाल, अमित सोलंकी, रिंकू वर्मा, जीतू निगम, गणेश पाटिल, सचिन गुप्ता और दुर्गेश तोमर ने शराब पार्टी की थी।
पार्टी के दूसरे दिन सागर की तबियत बिगड़ने लगी। उल्टियां होने पर उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो गयी। डॉक्टरों ने शुरूआती परीक्षण के बाद जहरीली शराब से मौत की आशंका जाहिर की।
26 जुलाई को शिशिर की भी उसी तरह तबियत बिगड़ने से मौत हो गई। 26 जुलाई को ही अभिषेक और सचिन गुप्ता की भी तबियत बिगड़ी और दोनों की मंगलवार को मौत हो गई।
तीन दिन में चार मौतों से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही आबकारी और पुलिस अमला सक्रिय हुआ और पैराडाइज बार में छापा मारकर रॉयल स्टैग (शराब) और किंगफिशर (बीयर) की बोतलें जब्त कर लीं।
शराब का कहर
इसके बाद बाणगंगा थाना इलाके में स्थित सपना बार में शराब पीने से फायनेंस कम्पनी में बतौर एजेंट काम करने वाले शिवरतन उर्फ़ शिवा की मौत हो गई। मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि मौत से ठीक पहले शिवा ने 1100 रुपये का बिल भुगतान बियर बार में किया था। उसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई।
सबने एक ही ब्रांड की शराब पी थी
पुलिस ने जब इस मामले में कड़ी दर कड़ी पूछताछ की तो एक बात निकल कर सामने आयी कि जिन भी लोगों की मौत हुई और उन सबने एक ही ब्रांड की शराब पी थी। इस पर शक गहराया और पुलिस ने जब बियर बार संचालकों से पूछताछ की तो यह स्पष्ट हुआ कि लायसेंसी शराब सप्लाय के साथ दोनों ही जगह बाहर से भी कुछ माल खरीदा गया था। इससे आशंका गहरा गई कि शहर के आसपास किसी इलाके में नकली शराब बनायी जा रही है और फिर महंगे ब्रांड की बोतल में पैक कर बेचा जा रहा है।
बहरहाल इसके बाद खलबली से जूझ रही पुलिस ने जांच तेज कर दी और आबकारी विभाग को भी पत्र लिखा। पुलिस को फिलहाल विसरा रिपोर्ट नहीं मिली है। कुछ की पीएम रिपोर्ट का भी इंतजार है।
आसपास हो रहा है काला कारोबार
इंदौर पुलिस अधीक्षक महेश चंद जैन के मुताबिक़ बीते दिनों शराब पीने से युवकों की मौत की पड़ताल जारी है। मृतकों की फ़िलहाल विसरा रिपोर्ट नहीं मिली है। फिर भी शुरुआती पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ है कि निम्न गुणवत्ता या नकली शराब का निर्माण आसपास के इलाकों में हुआ है। इसकी सप्लाय इंदौर और आसपास की जगह पर हो रही है। लिहाजा सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सस्ते के कारण बाहर से शराब न खरीदें, लायसेंस धारक दुकानों से ही शराब खरीदें। फिलहाल, मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।