श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पूर्व रॉ प्रमुख ए.एस. दुलत की किताब में किए गए खुलासे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने को निजी रूप से समर्थन देने की बात में कोई नई बात नहीं है।
दुलत के खुलासे पर बोलीं – पहले से था अंदेशा
महबूबा ने पीडीपी कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा, “यह मेरे लिए कोई हैरान करने वाली बात नहीं है। 3 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली गए थे। फारूक साहब 5 अगस्त को संसद भी नहीं गए और यहीं कश्मीर में रुक गए। इससे साफ है कि उन्हें पहले से सब पता था।”
18 अप्रैल को रिलीज होगी दुलत की किताब
बताया जा रहा है कि एएस दुलत की नई किताब “The Chief Minister and the Spy” 18 अप्रैल को प्रकाशित होगी। इसी किताब में फारूक अब्दुल्ला के कथित समर्थन का उल्लेख है।
370 हटाने के बाद भी चुप्पी पर उठाए सवाल
मुफ्ती ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर अनुच्छेद 370 हटाया, तब फारूक अब्दुल्ला की चुप्पी बहुत कुछ बयां करती है। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि वह उस समय संसद में क्यों मौजूद नहीं थे।
‘सरकार बनाने को अमित शाह से की थी मुलाकात’
महबूबा ने यह भी आरोप लगाया कि साल 2014 में उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के गठबंधन की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, “उमर ने उनसे कहा था कि पीडीपी के साथ नहीं, बल्कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सरकार बनाएं और वह भी बिना शर्त।”
भाजपा से गठबंधन की शर्त थी – 370 नहीं छेड़ेंगे
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि साल 2015 से 2018 तक जब पीडीपी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था, तब इसकी सबसे अहम शर्त यही थी कि अनुच्छेद 370 को नहीं छुआ जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे साढ़े दो साल के शासन में 370 को हाथ तक नहीं लगाया गया।”
मस्जिदों पर हमले और वक्फ कानून में बदलाव पर जताई नाराजगी
महबूबा ने केंद्र सरकार पर मस्जिदों और दरगाहों को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “आज कब्रों को इसलिए खोदा जा रहा है कि वे मुगल काल की हैं। ताजमहल, लाल किला, फतेहपुर सीकरी – ये सब मुगल विरासत हैं जहां लाखों लोग हर साल जाते हैं।”
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “अगर आप मुगलों के वंशज तलाश रहे हैं तो वे आम मुसलमानों में नहीं हैं। मुगल तो शाही परिवारों में शादियां करते थे, उनके असली वंशज तो आपके ही आसपास बैठे हैं।”
#WATCH श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: पूर्व RAW प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत की पुस्तक में अनुच्छेद 370 पर फारूक अब्दुल्ला के रुख पर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "...मुझे यह पढ़कर कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस का रुख यही रहा है कि सत्ता के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। यह… pic.twitter.com/jhwsf6gg7g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 17, 2025
प्रधानमंत्री से पूछा – क्या मदरसे व मस्जिदें तोड़ना उत्थान है?
मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पसमांदा मुस्लिमों के उत्थान’ के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “क्या मध्य प्रदेश में मदरसे और उत्तर प्रदेश में 100 साल पुरानी मस्जिद गिराना मुसलमानों का उत्थान है?”
उन्होंने अपील की कि देश के मुसलमानों को वक्फ अधिनियम में संशोधनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाना चाहिए। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
‘कश्मीरी पंडितों जैसा बर्ताव न हो देश के मुसलमानों के साथ’
महबूबा ने अंत में कहा, “मुसलमानों के साथ वैसा बर्ताव न किया जाए जैसा कभी आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों के साथ किया था। हम सबको साथ रहना है, सम्मान से रहना है।”
"Nowhere in book have I written that Farooq supported Article 370 abrogation": Former RAW chief AS Dulat
— ANI Digital (@ani_digital) April 17, 2025
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