ग्वालियर: वार्ड बॉय और ICU अटेंडर 20 हजार में कोविड पेशेंट को बेच रहे थे प्लाज्मा, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

By: Pinki Wed, 28 Apr 2021 12:21:24

ग्वालियर: वार्ड बॉय और ICU अटेंडर 20 हजार में कोविड पेशेंट को बेच रहे थे प्लाज्मा, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

देश के कई राज्यों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के कालाबाजारी की खबरे रोजाना आ रही है। वहीं, अब प्लाज्मा की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। प्लाज्मा की कालाबाजारी का मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है। यहां, के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य के वार्ड बॉय, ICU अटेंडर एक ऑटो चालक एजेंट के साथ मिलकर प्लाज्मा बेच रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

ऐसे किया गिरफ्तार


TI झांसी रोड मिर्जा आसिफ बेग ने खुद कोविड पेशेंट का परिजन बताकर एजेंट को जाल में फंसाया। एजेंट से बातचीत कर डील तय होने पर उसने डॉक्टर का पर्चा भी मांगा। TI ने एजेंट को डॉक्टर का पर्चा भी भेज दिया। एक बैग प्लाज्मा 20 हजार रुपए में खरीदना तय हुआ। एजेंट ने प्लाज्मा देने के लिए मंगलवार को मांडरे की माता के पास बुलाया। TI अपनी टीम के साथ सिविल ड्रेस में वहां पहुंच गए। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति पहले से ही प्लाज्मा लिए उनका इंतजार कर रहा है। पुलिस तत्काल उसके पास पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। वह JAH का वार्ड बॉय श्याम गौतम निकला। उसकी निशानदेही पर रैकेट का एजेंट अनिल ऑटो चालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। तीसरा साथी अभी फरार है। वह भी जेएएच के ICU में अटेंडर है। पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया है कि अभी तक वह 10 प्लाज्मा पैकेट बेच चुके थे। प्लाज्मा असली है और उसके साथ जो सर्टिफिकेट मिला है वह फर्जी है। रैकेट के दो सदस्य JAH का वार्ड बॉय, ऑटो चालक पकडा गया है, जबकि ICU का अटेंडर अभी फरार है।

SP ग्वालियर अमित सांघी ने बताया कि काफी दिन से खबर मिल रही थी कुछ लोगों रेमडेसिविर इंजेक्शन और प्लाज्मा की कालाबाजारी कर रहे है। इस पर ASP हितिका वासल को पूरे मामले के खुलासा करने के लिए लगाया गया। इसी बीच सूचना मिली कि रैकेट में JAH के कुछ कर्मचारी शामिल हैं। TI झांसी रोड मिर्जा आसिफ बेग ने गिरोह के सदस्य ऑटो चालक से ग्राहक बनकर संपर्क किया।

फ्री का प्लाज्मा और वसूलते थे 20 से 30 हजार रुपए

गिरोह के सदस्य प्लाज्मा बैंक से ही प्लाज्मा लाते थे। प्लाज्मा असली होता था। इसमें अस्पताल का ही कर्मचारी सुपर स्पेशियलिटी में भर्ती दिखाकर फर्जी नाम व पर्चे पर बैंक से प्लाज्मा निकालते थे। यहां से शासकीय अस्पताल में भर्ती कोविड पेशेंट के लिए फ्री में प्लाज्मा मिलता था। इसके बाद वह इसे बाहर 20 से 30 हजार रुपए में बेच देते थे। पकड़े गए प्लाज्मा पैकेट के साथ सर्टिफिकेट भी मिला जो कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किसी विजिता शाक्य पेशेंट के नाम पर है, जबकि इस नाम का कोई पेशेंट वहां भर्ती नहीं है। पुलिस को आशंका है कि प्लाज्मा बैंक से भी कोई न कोई सदस्य रैकेट से जुड़ा हो सकता था।

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