कुलगाम। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। इस मुठभेड़ में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का एक शीर्ष कमांडर सुरक्षा घेरे में आ गया है। TRF, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक प्रमुख सहयोगी संगठन माना जाता है।
मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर के तंगमर्ग इलाके में हो रही है। सूत्रों के अनुसार, इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और ऑपरेशन अब भी जारी है।
इससे पहले बुधवार सुबह, भारतीय सेना ने बारामुला जिले में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और पाकिस्तानी करेंसी बरामद की गई है।
गौरतलब है कि मंगलवार दोपहर, पहलगाम के बायसारन घास के मैदान में छह आतंकियों ने अचानक हमला बोलते हुए वहां मौजूद पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। यह इलाका घने चीड़ के जंगलों से घिरा हुआ है और यहां केवल पैदल या घोड़े के जरिए पहुंचा जा सकता है। हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे—एक यूएई से और एक नेपाल से।
पीएम और गृहमंत्री ने किया घटनास्थल का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हमले के समय सऊदी अरब दौरे पर थे, उन्होंने अपना दौरा बीच में ही रद्द कर दिल्ली लौटकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक की।
गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के कुछ घंटों बाद ही श्रीनगर पहुंचकर उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की और घटनास्थल का दौरा करते हुए पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की।
विपक्ष ने जताई चिंता, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने हमले को "हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला" बताया।
देशभर से नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति शोक और एकजुटता व्यक्त की है।
इस हमले के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ा दी गई है और सघन तलाशी अभियान जारी है ताकि हमले के जिम्मेदार सभी आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।