केरल में एक व्यक्ति ने अपने ससुर द्वारा उसे सौंपे गए 40 लाख रुपये के दुरुपयोग को छिपाने के लिए कथित तौर पर डकैती का नाटक किया। कोझिकोड सिटी पुलिस ने दो दिन की जांच के बाद मुख्य संदिग्ध पीएम रहीस को उसके दो साथियों साजिद उर्फ शाजी और जमशेद के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, रहीस ने 20 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी कि जिले के पूवट्टुपरम्बा इलाके में एक निजी अस्पताल में खड़ी उसकी कार से 40.25 लाख रुपये चोरी हो गए। उसने आरोप लगाया कि यह नकदी उसके एक करीबी रिश्तेदार की थी, जिसने उसे सुरक्षित रखने के लिए दी थी।
सीसीटीवी फुटेज ने शुरू में उसके दावे की पुष्टि की, जिसमें हेलमेट पहने स्कूटर पर सवार दो लोग उसकी कार की खिड़की तोड़ते और अंदर से एक बैग निकालते हुए दिखाई दिए। हालांकि, आगे की जांच में रहीस की कहानी में विसंगतियां सामने आईं।
पुलिस ने पाया कि भागने वाले स्कूटर की नंबर प्लेट नकली थी, जिससे उसे ट्रैक करना मुश्किल हो गया। वाहन का पता लगाने और साजिद और जमशेद को गिरफ्तार करने के बाद, पुलिस ने सच्चाई का पता लगाया। पूछताछ के दौरान, साजिद ने खुलासा किया कि चोरी की गई वस्तु केवल एक कार्डबोर्ड बॉक्स और एक बैग थी, जिसमें कोई नकदी नहीं थी। इससे संदेह पैदा हुआ, जिसके कारण रहीस को गिरफ्तार किया गया और आगे की पूछताछ की गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रहीस को बेंगलुरु की एक कंपनी ने 40 लाख रुपए दिए थे, जहां उसके ससुर मैनेजर के तौर पर काम करते थे। यह पैसा कंपनी की केरल स्थित शाखाओं के लिए था। रहीस ने इन पैसों का इस्तेमाल निजी खर्चों के लिए किया और पैसे वापस न कर पाने की वजह से जांच से बचने के लिए फर्जी डकैती की योजना बनाई।
पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए सीसीटीवी फुटेज विश्लेषण और वैज्ञानिक जांच तकनीकों का इस्तेमाल किया। तीनों पर झूठी शिकायत दर्ज करने का मामला दर्ज किया गया है और पैसे के स्रोत की जांच जारी है।