MUDA घोटाले की जांच का सामना कर रहे कर्नाटक के CM ने कहा, 'अंतरात्मा की अदालत सभी अदालतों से ऊपर'
By: Rajesh Bhagtani Wed, 02 Oct 2024 11:45:25
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज (2 अक्टूबर) कहा कि सर्वोच्च न्यायालय अंतरात्मा की अदालत है जो अन्य सभी अदालतों से ऊपर है। उन्होंने यह बयान MUDA घोटाले मामले में जांच का सामना करने के बीच दिया।
कर्नाटक गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गांधी भवन में आयोजित गांधी जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "न्याय हमेशा अदालतों में नहीं मिल सकता। हमें अपनी अंतरात्मा के अनुसार काम करना चाहिए। जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय अंतरात्मा की अदालत है, जो अन्य सभी अदालतों से ऊपर है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज की अदालतों में हमेशा न्याय नहीं मिल पाता। मौजूदा न्यायिक व्यवस्था से सभी को न्याय नहीं मिल पाता। लेकिन हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज पर काम करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि लोगों को प्रशंसा या आलोचना करने दें, साथ ही कहा कि दूसरों को स्वीकार या अनदेखा करने दें। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज पर काम करना चाहिए।"
सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि केवल भाषण देने से महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर की आकांक्षाएं पूरी नहीं होंगी। उन्होंने कहा, "उनके मूल्य और संदेश लोगों के दिलों में फैलने चाहिए और सरकार को ऐसे कार्यक्रम बनाने चाहिए जो एक समान समाज के निर्माण में योगदान दें। मैं और मेरी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की भी प्रशंसा की और कहा कि वे एक महान निष्ठावान नेता और आदर्श राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कहा कि अगर हम इन महान हस्तियों के दिखाए रास्ते पर चलें तो हम उनका सही मायनों में सम्मान कर पाएंगे।
उन्होंने कहा, "हम गांधी के संघर्ष की वजह से ही आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं। भारतीयों को गांधी को पूरी दुनिया का नेता मानने का सम्मान मिला है।"
इस कार्यक्रम में कानून मंत्री एचके पाटिल, गांधी भवन के सचिव विष्णुकुमार और 'एलारा गांधी' पुस्तक के लेखक 'नटराज हुलियार' समेत कई अन्य हस्तियां मौजूद थीं।
महात्मा गांधी के जीवन ने मुझे साहस और उम्मीद दी है
बुधवार को महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में 'विधान सौधा' परिसर में गांधी भवन से गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाला।
एक ऑनलाइन पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा, "साम्प्रदायिकता, तानाशाही और हिंसा से भरी दुनिया में केवल सत्य, शांति और अहिंसा के अवतार महात्मा गांधी ही हमारा हाथ थामकर हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं।"
उन्होंने दोनों जांचों का जिक्र किए बिना कहा, "बापू के जीवन और विचारों ने मुझे सच्चाई की असली परीक्षा का सामना करने के वर्तमान संघर्ष में भी साहस, शक्ति और आशा दी है। देश के सभी लोगों को गांधी जयंती की शुभकामनाएं।"
ಕೋಮುವಾದ, ಸರ್ವಾಧಿಕಾರ ಮತ್ತು ಹಿಂಸೆಯಿಂದ ಕೂಡಿರುವ ಜಗತ್ತಿನಲ್ಲಿ ಸತ್ಯ, ಶಾಂತಿ ಮತ್ತು ಅಹಿಂಸೆಯ ಸಾಕಾರಮೂರ್ತಿಯಾಗಿದ್ದ ಮಹಾತ್ಮ ಗಾಂಧೀಜಿಯವರು ಮಾತ್ರ ನಮ್ಮ ಕೈಹಿಡಿದು ಮುನ್ನಡೆಸಬಲ್ಲರು.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) October 2, 2024
ಸತ್ಯದ ಸತ್ವ ಪರೀಕ್ಷೆಯನ್ನು ಎದುರಿಸುತ್ತಿರುವ ಈಗಿನ ನನ್ನ ಹೋರಾಟಕ್ಕೆ ಕೂಡಾ ಬಾಪುವಿನ ಬದುಕು ಮತ್ತು ಚಿಂತನೆಗಳೇ ಧೈರ್ಯ, ಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು… pic.twitter.com/WNDOivDay2
ईडी ने सोमवार को मुख्यमंत्री के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के समकक्ष प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की, जिसमें एमयूडीए (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी.एम. को 14 स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं का आरोप है।
संघीय एजेंसी ने उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के संबंधित धाराओं को भी लगाया था। 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदी और उसे पार्वती
को उपहार में दिया) और अन्य के खिलाफ विशेष अदालत के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की।