'भीख में मिली आजादी' : कंगना रनौत के बयान के खिलाफ देश भर में बवाल, कई राज्यों में केस दर्ज, मुंबई और इंदौर में सड़कों पर प्रदर्शन

By: Pinki Sat, 13 Nov 2021 11:35:42

'भीख में मिली आजादी' : कंगना रनौत के बयान के खिलाफ देश भर में बवाल, कई राज्यों में केस दर्ज, मुंबई और इंदौर में सड़कों पर प्रदर्शन

अभिनेत्री कंगना रनौत अपने विवादित बयान 'भीख में मिली आजादी' को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है। इस बयान को लेकर कंगना रनौत के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है और कई जगहों पर उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है। विपक्ष के साथ-साथ सरकार के कई नेता भी कंगना के बयान की आलोचना कर रहे है।

उत्तराखंड के हरिद्वार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कंगना के खिलाफ दो जगहों पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। रुड़की और ज्वालापुर में दर्ज शिकायतों में कंगना के ऊपर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। वहीं महिला कांग्रेस की ओर से राजस्थान के चार शहरों जोधपुर, जयपुर, उदयपुर और चूरू में फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ इसी मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मनीषा पंवार ने शिकायत में कहा कि कंगना रनौत ने अपने बयान के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों और देश के लोगों का अपमान किया, जो ‘देशद्रोह की श्रेणी’ के तहत आता है।

इसके अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) ने मुंबई पुलिस को शिकायत की एक अर्जी देते हुए कंगना रनौत के खिलाफ एक मामला दर्ज करने की मांग की थी। इसमें कंगना के खिलाफ आईपीसी की धारा- 504, 505 और 124(ए) के तहत केस दर्ज करने की मांग की गई।

AAP कार्यकर्ताओं ने गाजियाबाद में भी एक शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले शिवसेना ने भी कहा था कि कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उनका पद्म श्री पुरस्कार भी वापस ले लेना चाहिए। कंगना ने हाल ही में पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने के एक दिन बाद ही यह विवादित बयान दिया था।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कंगना के बयान का जवाब देते हुए कहा कि असली आजादी 1947 में ही मिली थी और ऐसे विषय वही लोग उठाते हैं जिनके सोचने समझने की हैसियत उतनी ही है। वहीं बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कंगना का यह बयान पूरी तरह गलत है।

पाटिल ने कहा, 'स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष पर कंगना रनौत का बयान पूरी तरह गलत है। किसी को भी स्वतंत्रता आंदोलन पर नकारात्मक टिप्पणी करने का हक नहीं है।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं जानते कि किस ‘भावना’ में अभिनेत्री ने यह बयान दिया।

उन्होंने दावा किया, '2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आम आदमी सच्ची आजादी का अनुभव कर रहा है। अब देश में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे रोज दो वक्त का खाना नसीब नहीं होता हो। केंद्र सरकार 105 रुपए में गरीबों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न दे रही है।'

पाटिल ने कहा कि रनौत प्रधानमंत्री मोदी के सात साल के कामकाज की तारीफ कर सकती हैं, लेकिन उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन की आलोचना करने का अधिकार नहीं है।

इससे पहले लोकसभा सांसद और बीजेपी नेता वरुण गांधी ने कंगना के बयान का वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा था, 'कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?'

वहीं महात्मा गांधी के पड़पौत्र तुषार गांधी ने शुकव्रार को अभिनेत्री को नफरत का एक एजेंट बताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'पद्मश्री कंगना रनौत नफरत, असहिष्णुता और अनर्गल उत्साह की एजेंट है। यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को आजादी 2014 में मिली। घृणा, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और दमन को भारत में 2014 में आजादी मिली। यह हैरानी की बात नहीं है कि ऐसे बयान उस कार्यक्रम में दिए गए, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हुए। आखिरकार आज पीएमओ नफरत का झरना बन गया है जो प्रचुर मात्रा में हमारे देश में बहता है।'

सड़कों पर प्रदर्शन

कंगना रनौत के बयान के बाद शिकायतों की मांग के बीच कुछ लोगों ने सड़कों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतले भी फूंके। रनौत से पद्मश्री वापस लेने की भी मांग की जा रही है। इंदौर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों ने शुक्रवार को कंगना का पुतला फूंका।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चश्मदीदों ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संयुक्त संगठन’ से जुड़े लोगों ने शहर के एमजी रोड पर रनौत का पुतला फूंका। इस दौरान उन्होंने 'वीर शहीदों का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान', 'कंगना रनौत मुर्दाबाद' और 'कंगना रनौत को देश से बाहर करो' जैसे नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों ने इंदौर संभाग के आयुक्त कार्यालय को रनौत के विवादित बयान के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा।

मुंबई में भी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कंगना के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि रनौत को प्रदान किया गया पद्मश्री पुरस्कार स्वतंत्रता पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए वापस ले लिया जाए और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि अभिनेत्री ‘मलाना क्रीम’ की अधिक खुराक के बाद बहुत अधिक बोल रही हैं। उल्लेखनीय है कि ‘मलाना क्रीम’ एक प्रकार की हशीश होती है, जिसका नाम हिमाचल प्रदेश में मलाना घाटी पर पड़ा है।

कंगना रनौत अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहती हैं। रनौत ने पिछले साल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कहा था कि उन्हें मुंबई में असुरक्षित महसूस होता है जिसके बाद उन्हें केंद्र सरकार ने वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी थी। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के एक वर्ग में ड्रग्स के इस्तेमाल पर भी बात की थी। कंगना के विवादित ट्वीट की वजहों से उनका ट्विटर अकाउंट भी स्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। ट्विटर ने कहा था कि ‘‘ट्विटर नियमों के लगातार उल्लंघन के लिए’’ ऐसा किया गया।

कंगना ने हाल ही में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि भारत को असल मायने में आजादी 2014 में मिली। उनका इशारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्र में सरकार बनाने से था।

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