जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरण घास के मैदान में मंगलवार दोपहर आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। यह हमला दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ, जब वर्दी पहने आतंकियों का एक समूह पर्यटकों के बीच पहुंचा और नजदीक से फायरिंग शुरू कर दी। हमले के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, कई लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, लेकिन खुले मैदान में छिपने की कोई जगह नहीं थी।
सूत्रों के हवाले से इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, मारे गए पर्यटकों में अधिकतर भारतीय हैं, लेकिन दो विदेशी नागरिकों की पहचान भी हुई है, जिनके बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
आतंकियों ने पर्यटकों पर 50 से ज्यादा राउंड फायरिंग की है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, दिल्ली से श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं और पीएम मोदी ने अमित शाह से फोन पर बात की है।
स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के अनुसार, गोलियों की आवाज सुनते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कई महिलाएं रोती-बिलखती नजर आईं, वहीं कई घायल जमीन पर पड़े थे। बैसरण घास का मैदान पहलगाम से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है और वहां केवल पैदल या टट्टुओं के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और आतंकियों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया।
आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन बताया जा रहा है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 'मिनी स्विट्ज़रलैंड' कहे जाने वाले इस क्षेत्र में जब पर्यटक टट्टू की सवारी, पिकनिक और खाने-पीने में व्यस्त थे, तभी आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
हमले के बाद पहलगाम, जो सुबह तक सैलानियों से भरा था, अचानक वीरान हो गया। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान छेड़ दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, इतने बड़े आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खात्मे के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। भारतीय सेना विक्टर फोर्स और स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और सीआरपीएफ द्वारा ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान घटनास्थल पर मौजूद हैं। सेना के अधिकारी भी अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
आतंकी हमले की खबर सामने आने के फौरन बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें सेना और इंटेलिजेंस के बड़े अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग में हमले के बाद की स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। मीटिंग के बाद अमित शाह कश्मीर के लिए रवाना हो गए।
दोपहर 2.30 बजे 2-3 की संख्या में आतंकी पहुंचे और उन्होंने सैलानियों के आइडेंटिटी कार्ड देखना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस मौके पर एक सेना अधिकारी भी मौजूद था, जो अपने साथ परिवार को लेकर यहां घूमने आया था। उसने वहां मौजूद लोगों को बचाया और आड़ ली। आतंकवादियों ने लोगों से नाम पूछकर उनकी गोली मारकर हत्या की।
ये पूरी घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसराणा में घटी। इस आतंकी हमले से देशभर में हड़कंप मच गया है और पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत देश के तमाम बड़े नेताओं ने इस घटना की निंदा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख, कहा - आतंकी नहीं बचेंगे
हमले की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला बेहद निंदनीय है। जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस घृणित हमले के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
#WATCH | Firing incident reported in Pahalgam, J&K; Police and Security Forces present on the spot
— ANI (@ANI) April 22, 2025
Details awaited. pic.twitter.com/Ev9HXFjZZ7
अमित शाह और उमर अब्दुल्ला ने जताई कड़ी नाराज़गी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस हमले पर गहरा दुख जताते हुए लिखा, “इस जघन्य हमले में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। पीएम मोदी को स्थिति से अवगत करा दिया गया है और मैं खुद श्रीनगर जाकर सभी एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक करूंगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले को ‘अमानवीय और निंदनीय’ बताते हुए लिखा, “कश्मीर के अतिथि हमारे मेहमान होते हैं, उन पर हमला करना एक शर्मनाक कृत्य है। मैं जल्द ही श्रीनगर लौट रहा हूं।”
एलजी मनोज सिन्हा और महबूबा मुफ्ती ने भी जताई चिंता
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सभी घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जा रही है और एक घायल को जीएमसी अनंतनाग शिफ्ट किया गया है। वहीं, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी कहा कि “कश्मीर की परंपरा रही है मेहमानों का स्वागत करने की, यह हमला दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।”