खुली चीन की पोल, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का दावा - गलवान झड़प के दौरान 38 चीनी सैनिक बह गए थे नदी में और बताया सिर्फ 4

By: Pinki Thu, 03 Feb 2022 09:04:45

खुली चीन की पोल, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का दावा - गलवान झड़प के दौरान 38 चीनी सैनिक बह गए थे नदी में और बताया सिर्फ 4

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 को भारत और चीन के सौनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे वहीं, चीन ने सिर्फ 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली थी। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अखबार 'द क्लैक्सन' (The Klaxon) में प्रकाशित खोजी रिपोर्ट में यह सामने आया है कि हिंसक झड़प के दौरान चीन के 38 सैनिक नदी में बह गए थे। 'गलवान डिकोडेड' नाम से छपी इस रिपोर्ट को इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम ने तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि झड़प के दौरान चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के कई जवान गलवान नदी में बह गए थे। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की इस रिपोर्ट ने एक बार फिर चीन के झूठ को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है।

गलवान में जून 2020 में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी। 4 दशक में पहली बार दोनों देश इस तरह से आमने सामने आए थे। चीन गलवान हिंसा में मारे गए सैनिकों की संख्या छिपाता रहा। लेकिन पिछले साल फरवरी में, उसने अपने 4 सैनिकों को मरणोपरांत सम्मानित करने का ऐलान किया था। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली थी। उसने कहा था कि इनमें से जूनियर सार्जेंट वांग झुओरान की मौत डूबने से हुई थी। बाकी तीन की संघर्ष के दौरान।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उस रात वास्तव में क्या हुआ था, किस वजह से झड़प हुई। इसके बारे में बहुत सारे फैक्ट बीजिंग द्वारा छिपाए गए। चीन ने दुनिया को मनगढ़ंत कहानियां सुनाईं। चीनी अधिकारियों ने कई ब्लॉग और पेज को हटा दिया। लेकिन चीन से मिले डिजिटल आर्काइव अलग ही कहानी बयां करते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जून की झड़प गलवान नदी के एक सिरे पर भारतीय सैनिकों द्वारा बनाए एक अस्थायी पुल के निर्माण के बाद शुरू हुई थी। भारत ने पुल निर्माण का फैसला तब लिया था, जब चीन ने इस क्षेत्र में अवैध रुप से बुनियादी ढांचे का निर्माण करना शुरू कर दिया था और इस क्षेत्र में तैनाती बढ़ा रहा था।

क्या हुआ था 15 जून को?

रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2020 के बाद से चीन लगातार भारत के साथ हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए बफर जोन में पेट्रोलिंग और अवैध निर्माण कर रहा था। जब कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय जवानों ने गलवान नदी पर पुल का निर्माण करना शुरू किया, ताकि चीन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके, तो चीनी सैनिकों ने इसका विरोध किया। 6 जून को 80 चीनी सैनिक इस पुल का तोड़ने के प्रयास से आगे आए, जबकि 100 भारतीय जवान इसे बचाने के लिए आगे बढ़े।

6 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं बफर जोन से वापस जाएंगी। हालांकि, चीन ने इस समझौते का भी उल्लंघन कर दिया। 15 जून को जब संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सैनिक चीन की गतिविधियों को देखने के लिए आए, तो उन पर चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया। इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई। लेकिन झड़प में खुद को कमजोर होता देख चीनी सेना पीछे हटने लगी। ऐसे में चीनी सेना ने रात के अंधेरे में ही नदी में उतरकर उसे पार करने का फैसला किया। लेकिन नदी का बहाव तेज हो गया और चीनी सैनिक बह गए। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com