खालिस्तानी पन्नून की हत्या की साजिश: भारतीय आरोपी निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण, चेक गणराज्य से अमेरिका लाया गया
By: Rajesh Bhagtani Mon, 17 June 2024 1:33:01
नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नून की अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश में आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से संयुक्त राज्य अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने संघीय जेल ब्यूरो की वेबसाइट और मामले से परिचित एक सूत्र के हवाले से दी है।
रविवार (16 जून) को जेल ब्यूरो की वेबसाइट पर कैदी के नाम से खोज करने पर पता चला कि 52 वर्षीय गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है, जो एक संघीय प्रशासनिक हिरासत केंद्र है। इसके अलावा, एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स को स्वतंत्र रूप से गुप्ता के प्रत्यर्पण और ब्रुकलिन में उनकी हिरासत की पुष्टि की।
सोमवार को उन्हें न्यूयॉर्क की संघीय अदालत में पेश किये जाने की उम्मीद है।
पिछले महीने, चेक कोर्ट ने निखिल गुप्ता की अमेरिका भेजे जाने से बचने की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे चेक न्याय मंत्री के लिए उसे प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ हो गया।
गुप्ता को पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था, अमेरिका के आरोपों के आधार पर कि वह हत्या की साजिश में शामिल था। अमेरिकी संघीय अभियोजकों के अनुसार, गुप्ता को एक अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए एक हत्यारे को काम पर रखने की साजिश में फंसाया गया था, जो कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देश पर किया गया था। लक्ष्य की पहचान पन्नून के रूप में की गई थी।
निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की वार्षिक आईसीईटी वार्ता के लिए नई दिल्ली यात्रा से पहले हुआ है। उम्मीद है कि सुलिवन इस मामले को अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के समक्ष उठाएंगे।
भारत ने पन्नून हत्या की साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और अमेरिका के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है।
निखिल गुप्ता ने भी अपने वकील के माध्यम से आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन पर "अनुचित आरोप" लगाए गए हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है और वह आतंकवाद के आरोपों में भारत में वांछित है। उसे केंद्रीय गृह मंत्री ने सख्त
आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है।