प्रधानमंत्री मोदी की कतर के अमीर से हुई मुलाकात का असर, मौत की सजा पाए 8 पूर्व नेवी अफसरों से मिले राजनयिक
By: Rajesh Bhagtani Thu, 07 Dec 2023 6:37:20
नई दिल्ली। कतर की जेल में बंद और मौत की सजा पाए नौसेना के आठ पूर्व अफसरों से भारतीय राजनयिकों ने मुलाकात की है और उनके केस के बारे में जानकारी दी है। प्राप्त समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुबई में यूएन क्लाइमेट समिट के इतर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी से मुलाकात हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने कतर के शासक से मांग की थी कि भारतीय कैदियों से राजनयिकों को मिलने की परमिशन दी जाए। इस मांग के बाद ही यह मंजूरी दी गई थी और अब राजनयिक ने उन पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की है, जो कतर की जेल में बंद हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारतीय दूत ने 3 दिसंबर को कतर में मौत की सजा पाने वाले 8 नौसेना के दिग्गजों से मुलाकात की और भारत सरकार इस मामले पर बारीकी से नजर रख रही है और उन्हें सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता प्रदान कर रही है। अरिंदम बागची ने यह भी कहा कि आठ भारतीयों के खिलाफ मामले में दो सुनवाई हो चुकी है और मौत की सजा के खिलाफ अपील पहले ही दायर की जा चुकी है। नौसेना के दिग्गजों को 26 अक्टूबर को कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने फैसले को “गहरा” चौंकाने वाला बताया था।
इस मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय ने बताया था कि पीएम नरेंद्र मोदी और कतर के शेख तमीम बिन हमाद के बीच मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में दोनों देशों के बीच कई मसलों पर बात हुई। इसके अलावा भारतीय समुदाय के हितों को लेकर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे राजनयिक को कौंसुलर एक्सेस मिल गई है और उन्होंने 3 दिसंबर को जेल में बंद सभी 8 पूर्व राजनयिकों से मुलाकात की है।' भारत की ओर से अपील किए जाने के सवाल पर बागची ने कहा, 'अब तक इस मामले में दो सुनवाई हो चुकी हैं। अगली भी जल्दी ही होगी। हम पूरी कानूनी मदद कर रहे हैं। यह एक संवेदनशील मसला है, हम जो भी कर सकते हैं वह करेंगे।'
माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के दखल के बाद ही भारतीय राजनयिक को कतर की जेल में बंद पूर्व नौसैनिकों से मिलने की परमिशन मिली। कतर, यूएई, सऊदी अरब समेत कई मुस्लिम देशों से पीएम नरेंद्र मोदी के दौर में संबंध सुधरे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके दखल के चलते ही राजनयिक को पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात का मौका मिला है। कतर ने आरोप लगाया है कि इन लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये एक प्राइवेट डिफेंस कंपनी के लिए काम कर रहे थे।