बुधवार (5 फरवरी) को अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय स्वदेश लौट आए। अमेरिकी मिलिट्री विमान सी-17 ने पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड किया। विमान ने अमृतसर एयरपोर्ट अथॉरिटी से लैंडिंग की परमिशन मांगी, जिसके बाद उन्हें लैंड करने की अनुमति दी गई।
वापस लौटने के बाद, इन प्रवासियों ने बताया कि उन्हें कैसे एजेंटों ने अमेरिका भेजा था और उन्हें यात्रा के दौरान किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पंजाब के एक युवक की दर्दनाक कहानी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के होशियारपुर जिले के ताहली गांव के निवासी हरविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अमेरिका के लिए वर्क वीजा के वादे पर एक एजेंट को 42 लाख रुपये दिए थे। लेकिन आखिरी समय में उन्हें बताया गया कि वीजा नहीं मिल पाया और इसके बदले उन्हें विभिन्न उड़ानों के जरिए भेज दिया गया।
ब्राजील में पहाड़ों की चढ़ाई के बाद, हरविंदर सिंह और अन्य प्रवासियों को एक छोटी नाव में बैठाकर समुद्र के पार मैक्सिको सीमा तक चार घंटे की यात्रा के लिए भेजा गया। यात्रा के दौरान नाव पलट गई, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति पनामा के जंगल में मर गया। इस पूरी मुसीबत के दौरान वे चावल के छोटे-छोटे टुकड़ों पर जीवित रहे।
'पेरू से नहीं मिली फ्लाइट'
हरविंदर सिंह ने बताया, "ब्राजील में हमें बताया गया था कि पेरू से एक फ्लाइट हमें अमेरिका पहुंचाएगी, लेकिन वहां ऐसी कोई फ्लाइट नहीं थी। फिर टैक्सियों के जरिए हमें कोलंबिया और पनामा की शुरुआत तक पहुंचाया गया। वहां से हमें बताया गया कि एक जहाज हमें ले जाएगा, लेकिन वहां भी कोई जहाज नहीं था। इसके बाद हमारा डंकी रूट शुरू हुआ, जो दो दिनों तक जारी रहा।"
'हमें कई शव दिखाई दिए'
दारापुर गांव के सुखपाल सिंह ने अमेरिका पहुंचने के प्रयास के दौरान अपने कष्टपूर्ण अनुभव को साझा किया। उन्हें समुद्री रास्ते से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ी और फिर खतरनाक पहाड़ियों से होकर 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। उन्होंने कहा, "जो लोग घायल हो गए थे, वे पीछे रह गए। हम कई शवों को देख पाए।"
सुखपाल सिंह ने बताया कि उन्हें अमेरिका में प्रवेश से ठीक पहले मैक्सिको में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा, "हमें 14 दिनों तक एक अंधेरे कमरे में बंद रखा गया, हम कभी भी दिन की रोशनी नहीं देख पाए। ऐसे कई अन्य पंजाबी, परिवार और बच्चे हैं जो ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे हुए हैं।" उन्होंने दूसरों को विदेशों में अवैध रास्ते अपनाने से बचने की सलाह दी।