पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कथित जासूसी और संवेदनशील सूचनाएं साझा करने के आरोप में हरियाणा की रहने वाली 33 वर्षीय यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को हिसार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, वह एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव के संपर्क में थी और सोशल मीडिया के ज़रिए पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने के नाम पर भारत विरोधी प्रचार में लिप्त थी।
सोशल मीडिया पर बड़ी फैन फॉलोइंग, अब अकाउंट सस्पेंड
ज्योति के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 1.31 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे, जिसे अब सस्पेंड कर दिया गया है। उसका यूट्यूब चैनल ‘Travel With Jo’ भी काफ़ी लोकप्रिय है, जिसके 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। पुलिस ने इन दोनों प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों को जांच के घेरे में लिया है।
17 मई को गिरफ्तारी, कोर्ट से 5 दिन की रिमांड
हिसार पुलिस ने ज्योति को 17 मई को न्यू अग्रसेन कॉलोनी से गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। मामले की जांच में कई केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं।
एसपी का बयान: आधुनिक जासूसी अब सीमाओं तक सीमित नहीं
हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया, "आधुनिक युद्ध सिर्फ ज़मीनी सीमाओं तक सीमित नहीं रहा। दुश्मन देश अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को टारगेट कर रहा है, जिससे सूचनाएं निकाली जा सकें या जनमत को प्रभावित किया जा सके।"
पाकिस्तान और चीन की यात्रा, उच्चायोग अधिकारी से संपर्क
जांच में यह सामने आया है कि ज्योति ने 2023 में कमीशन एजेंटों के माध्यम से वीजा हासिल कर पाकिस्तान यात्रा की थी, जहाँ उसकी मुलाकात पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ़ दानिश से हुई थी। यह वही अधिकारी है जिसे हाल ही में भारत सरकार ने देश से निष्कासित कर दिया है। ज्योति पहले चीन की भी यात्रा कर चुकी है।
कोई बड़ी सैन्य जानकारी नहीं, लेकिन खतरा बरकरार
एसपी सावन ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल ज्योति के पास किसी गंभीर सैन्य जानकारी तक सीधी पहुंच का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि हिसार एक सामरिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है, जहाँ से मिली छोटी जानकारी भी दुश्मन देश के लिए उपयोगी हो सकती है।
एन्क्रिप्टेड ऐप्स से संपर्क, वीडियो सामग्री की जांच
जांच में खुलासा हुआ है कि ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए पाकिस्तानी संपर्कों से संवाद किया। साइबर विशेषज्ञों की एक टीम उसके वीडियो कंटेंट, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल संवादों की बारीकी से जांच कर रही है।
पाकिस्तानी छवि सुधारने का प्रयास, भारत विरोधी नैरेटिव का प्रसार
पुलिस का दावा है कि ज्योति ने अपने कंटेंट में पाकिस्तान की छवि को बेहतर दिखाने और भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से जनमत को प्रभावित करने की कोशिश की। यह कार्य वह पाकिस्तानी एजेंटों की सलाह और दिशा-निर्देशों के अनुसार कर रही थी।
ज्योति मल्होत्रा का मामला यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया के ज़रिए जासूसी और प्रचार युद्ध का एक नया मोर्चा खुल चुका है। एजेंसियां अब सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि स्क्रीन के पीछे भी युद्ध लड़ रही हैं। यह घटना सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक चेतावनी है कि अंतरराष्ट्रीय यात्राएं, संवाद और प्रचार सामग्री को लेकर वे किस हद तक जवाबदेह हैं।