पाकिस्तान से लगातार अल्पसंख्यकों के साथ हो रही नाइंसाफी के मामले सामने आ रहे हैं। इससे जुड़ा एक और मामला सामने आया हैं जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों का दमन करने वाला हैं। यह मामला खैबर पख्तूनख्वा का है जो कि उस मंदिर से जुड़ा हैं जिसमें कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की थी और अदालत ने मंदिर संरक्षण की बात कही थी। अब जिला प्रशासन ने अतिक्रमण करते हुए इस हिंदू मंदिर परिसर पर चारदीवारी का निर्माण शुरू करा दिया है। इस अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर यहां के हिंदू समुदाय ने चिंता जताई है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के हवाले से बताया गया कि इस निर्माण कार्य में आयुक्त और उपायुक्त ने भी किसी की नहीं सुनी। स्थानीय मुस्लिमों की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री के अल्पसंख्यक मामलों के विशेष सहायक वजीरजादा ने भी इस मुद्दे को हल नहीं किया।
दरअसल विवाद ऐसे शुरू हुआ कि यहां जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फाजी (जेयूआई-एफ) का एक स्थानीय मौलवी हाफिज फैजुल्ला मंदिर के पास मदरसा चलाता है। उसने स्थानीय समर्थकों के साथ मंदिर पर कई आपत्तियां उठाईं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा के नाम पर मंदिर परिसर में चारदीवारी का निर्माण शुरू कर दिया। फैजुल्ला ने मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए बनने वाले कमरों के निर्माण पर भी आपत्ति ली।