38 साल बाद घर आया शहीद जवान चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शव, राजकीय सम्मान से दी जाएगी विदाई
By: Priyanka Maheshwari Mon, 15 Aug 2022 11:26:22
15 अगस्त को पूरा देश आजादी की 75वीं सालगिरह अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। वहीं, सियाचिन पर अपनी जान गंवाने वाले एक शहीद सिपाही का पार्थिव शरीर 38 साल बाद अपने घर आ रहा था। 19 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान चंद्रशेखर हर्बोला (Chandrashekhar Harbola) की मौत 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) के दौरान हुई थी। बर्फीले तूफान में उस दौरान 19 जवान दब गए थे, जिनमें से 14 के शव बरामद कर लिए गए थे। लेकिन 5 जवानों के शव नहीं मिल पाए थे। इसके बाद सेना ने पत्र के जरिए घरवालों को चंद्रशेखर के शहीद होने की सूचना दी थी। उसके बाद परिजनों ने बिना शव के चंद्रशेखर हर्बोला का अंतिम क्रिया-कर्म पहाड़ी रीति रिवाज के हिसाब से कर दिया था। बता दें कि 1984 में सेना के लॉन्स नायक चंद्रशेखर हर्बोला की उम्र सिर्फ 28 साल थी। वहीं, उनकी बड़ी बेटी 8 साल और छोटी बेटी करीब 4 साल की थी। पत्नी की उम्र 27 साल के आसपास थी। अब 38 साल बाद शहीद चंद्र शेखर का पार्थिव शरीर सियाचिन में बर्फ के अंदर दबा हुआ मिला, जिसे 15 अगस्त यानी आजादी के दिन उनके घर पर लाया जाएगा और पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। सैनिक की पहचान में उसके डिस्क ने बड़ी मदद की। इस पर सेना कर दिया हुआ नंबर (4164584) अंकित था।
चंद्रशेखर के पार्थिव शरीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी पत्नी शांति देवी के आंखों के आंसू अब सूख चुके हैं। उन्हें सिर्फ इस बात का गम है कि आखिरी समय में उनका चेहरा नहीं देख सकी। वही उनकी बेटी कविता पांडे ने कहा कि पिता की मौत के समय वह बहुत छोटी थीं ऐसे में उनको अपने पिता का चेहरा याद नहीं है। उनकी मौत का गम तो उनके पूरे परिवार को है लेकिन खुशी इस बात की है कि उन्होंने अपनी जान देश की रक्षा के लिए गवाई है।