गहलोत ने BJP और RSS पर लगाया केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप, जनता को डराने के लिए हो रहा ED का इस्तेमाल
By: Rajesh Bhagtani Fri, 17 Jan 2025 12:59:57
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की है। गहलोत ने UGC के नए ड्राफ्ट प्रावधानों पर सवाल उठते हुए इन नियमों को उच्च शिक्षा को बर्बाद करने वाला बताया है।
गहलोत ने एक्स पर लिखा- BJP-RSS का 10 साल से पूरा प्रयास रहा है कि वह देश के तमाम संस्थानों पर दबाव बनाकर उन्हें अपने कब्जे में कर ले। आज ED, CBI, इनकम टैक्स, दिल्ली पुलिस समेत तमाम केंद्रीय एजेंसियां और चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संगठन भी सरकार के इशारे पर ही काम कर रहे हैं।
गहलोत ने लिखा-इसी सरकार के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के जजों तक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा कि ज्यूडिशियरी पर दबाव है। पूरा देश इन संस्थानों की इस पक्षपातपूर्ण कार्यशैली को लेकर चिंतित है, राहुल गांधी का इसी परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान पूरी तरह उचित है।
ग़हलोत ने लिखा- RSS की मंशा शुरुआत से ही सरकार में शामिल होकर उसका अंग बनना है, इसलिए वो आजादी की लड़ाई में भारत की जनता के साथ न रहकर अंग्रेज सरकार के साथ रहे। ऐसा लगता है कि अब भी RSS-भाजपा का एजेंडा सभी संस्थानों पर कब्जा कर उनका इस्तेमाल विपक्ष और जनता के विरुद्ध करने का है।
जनता को डराने के लिए हो रहा ED का इस्तेमाल
गहलोत ने लिखा-सुप्रीम कोर्ट ने ED से संबंधित एक मामले में टिप्पणी की कि ED की मंशा केवल लोगों को आरोपी बनाकर जेल में बंद रखने की है। इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि ED का इस्तेमाल केंद्र सरकार जनता को डराने के लिए कर रही है। राहुल गांधी का बयान देशवासियों को ऐसी गंभीर स्थिति के बारे में चेताने वाला है। इस बयान को तोड़-मरोड़ कर भाजपा नेता केवल महंगाई, बेरोजगारी जैसे मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने और मीडिया के माध्यम से उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
राज्यों के विश्वविद्यालयों में भी अब केंद्र लगाएगा कुलपति
गहलोत ने लिखा- ऐसा लगता है कि UGC की तरफ से विश्वविद्यालयों में कुलपति और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए बनाया गया नियमों का ड्राफ्ट RSS विचारकों को विश्वविद्यालयों में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बनाया गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार अब वाइस चांसलर बनने के लिए एकेडमिशियन होने की बाध्यता भी नहीं रहेगी और राज्य के विश्वविद्यालयों में भी वाइस चांसलर की नियुक्ति केंद्र सरकार ही करेगी। इन नियमों से विश्वविद्यालयों में अनुबंधित प्रोफेसरों की संख्या 10% भी हो सकेगी, यानी चहेते लोगों को प्रोफेसर की तरह लगाना आसान होगा।
ये नियम हमारी उच्च शिक्षा को बर्बाद कर देंगे
पूर्व सीएम ने लिखा - ऐसे नियम हमारी उच्च शिक्षा को बर्बाद कर देंगे, क्योंकि इससे अयोग्य लोगों के विश्वविद्यालयों में काबिज होने का खतरा होगा। यह देश की संघीय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ होगी, क्योंकि इससे राज्यों के अधिकार कम होंगे।