शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला है, जिसका मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की बैठक को माना जा रहा था। शुरूआती तेजी के बाद अब बाजार में गिरावट का दौर शुरू हो चुका है। निफ्टी 170 अंक गिरकर 22,860.55 पर कारोबार कर रहा है, वहीं Sensex 500 अंक गिरकर 22,860.55 पर है।
BSE सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों में से सिर्फ 4 शेयर तेजी पर थे, जबकि बाकी के 26 शेयर गिरावट पर रहे। सबसे ज्यादा गिरावट अडानी पोर्ट के शेयर में 3 फीसदी से ज्यादा रही, जबकि सबसे ज्यादा तेजी नेस्ले इंडिया शेयर में 1 फीसदी से ज्यादा की रही। वहीं निफ्टी के टॉप 50 शेयरों में से 43 शेयर टूट चुके थे और 7 शेयर गिरावट पर कारोबार कर रहे थे।
दोनों देशों के बीच व्यापार के कारण अमेरिकी बाजारों में रातभर तेजी रही। Dow Jons 342.87 अंक या 0.77 प्रतिशत बढ़कर 44,711.43 पर पहुंच गया। S&P500 में 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली। वहीं एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा, जापान और चीन के बाजारों में गिरावट रही, लेकिन हांगकांग और कोरिया के बाजारों में तेजी रही।
इससे पूर्व आज आज बीएसई सेंसेक्स 214.88 अंक या 0.28% की तेजी के साथ 76,353.85 पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 63.75 अंक या 0.28% चढ़कर 23,095.15 पर खुला। ग्लोबल मार्केट्स में तेजी और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता से निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। हालांकि, बाजार में इस समय बायर्स की कमी देखी जा रही है, जिससे वॉल्यूम में गिरावट बनी हुई है।
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ था। बीएसई सेंसेक्स 32 अंकों की गिरावट के साथ 76,139 पर और एनएसई निफ्टी 14 अंक लुढ़ककर 23,031 पर बंद हुआ था। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 2,789.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,934.50 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इससे संकेत मिलता है कि घरेलू निवेशकों का भरोसा अब भी बना हुआ है।
शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में भी ज्यादातर तेजी देखने को मिली।
ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स 0.41% चढ़ा।
जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.60% गिर गया।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.35% बढ़ा।
हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 1.33% उछला।
अमेरिकी शेयर बाजारों में भी उछाल
डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 0.77% बढ़ा।
S&P 500 इंडेक्स 1.04% चढ़ा।
नैस्डैक कंपोजिट 1.50% उछला।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पारस्परिक शुल्क योजना पर हस्ताक्षर किए, लेकिन इसे तुरंत लागू नहीं किया गया। इससे बाजारों को राहत मिली और निवेशकों में सकारात्मकता बनी रही। अमेरिका का प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स जनवरी में 0.4% बढ़ा, जो अनुमानित 0.3% से अधिक रहा। वहीं, खाद्य और ऊर्जा को छोड़कर कोर PPI 0.3% बढ़ा, जो अनुमानों के अनुरूप था।
मोदी-ट्रंप बैठक के प्रभाव से निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है, लेकिन बाजार में वॉल्यूम में स्थिरता की कमी है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से निकट भविष्य में हल्की अस्थिरता देखने को मिल सकती है। हालांकि, घरेलू निवेशकों की भागीदारी से बाजार में मजबूती बनी रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में बाजार की चाल अमेरिकी नीतियों, वैश्विक अर्थव्यवस्था और घरेलू निवेशकों की गतिविधियों पर निर्भर करेगी।