जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में सेना और पुलिस का जॉइंट ऑपरेशन, 5 आतंकी ढेर, 2 जवान घायल
By: Sandeep Gupta Thu, 19 Dec 2024 09:13:26
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के कद्देर इलाके में सेना और पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाते हुए 5 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि, मारे गए आतंकियों के शव अभी बरामद नहीं हुए हैं। इस मुठभेड़ में दो जवान भी घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। दिसंबर में जम्मू-कश्मीर में यह पहला बड़ा एनकाउंटर है। नवंबर में 10 दिनों में 9 एनकाउंटर हुए थे, जिनमें 8 आतंकी मारे गए थे।
सर्च ऑपरेशन कैसे चला?
गुरुवार सुबह सेना और पुलिस को सूचना मिली कि कुलगाम के कद्देर इलाके में 4-5 आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद जॉइंट सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। तलाशी के दौरान आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ को अंजाम दिया।
जम्मू में जैश और लश्कर का 20 साल पुराना नेटवर्क फिर सक्रिय
पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का 20 साल पुराना लोकल नेटवर्क जम्मू क्षेत्र में फिर सक्रिय हो गया है। पहले यह नेटवर्क आतंकियों का सामान ढोने का काम करता था, लेकिन अब ये गांवों में आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद और भोजन उपलब्ध करा रहा है। हाल ही में पकड़े गए 25 संदिग्धों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली है कि यह नेटवर्क जम्मू के 10 में से 9 जिलों- राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन में फैल चुका है।
धारा 370 हटने के बाद बढ़ा खतरा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने बताया कि आर्टिकल 370 हटने के बाद पाकिस्तान की सेना और ISI ने जम्मू को टारगेट करना शुरू कर दिया। बीते दो साल में इन संगठनों ने स्थानीय नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर दिया। इसी नेटवर्क की मदद से आतंकियों ने 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले किए। इसके बाद ऊधमपुर, रियासी, डोडा और कठुआ जैसे इलाकों को भी निशाना बनाया गया।
सुरक्षा बलों के सामने चुनौती
सेना और पुलिस के सामने चुनौती है कि इस लोकल नेटवर्क को फिर से निष्क्रिय किया जाए। इसके लिए सुरक्षा बल ऑपरेशन को तेज कर रहे हैं और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं।
गृह मंत्री की उच्चस्तरीय बैठक
आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। यह बैठक सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार हो रही है। इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। 16 जून को अमित शाह ने एक हाई-लेवल बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने आतंकियों की मदद करने वालों पर भी सख्ती बरतने का आदेश दिया था।