
केरल के वायनाड में बुधवार को हाथी के हमले में एक और व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे राज्य में पिछले 48 घंटों में इस तरह की मौतों की कुल संख्या चार हो गई। यह ऐसे समय में हुआ है जब केरल सरकार क्षेत्र में बढ़ते मानव-पशु संघर्ष से निपटने के लिए वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन करने पर जोर दे रही है।
ताजा घटना में, 27 वर्षीय बालन का शव वायनाड के भूस्खलन से तबाह हुए गांवों में से एक अट्टामाला में कुचला हुआ मिला। यह घटना रात में हुई जब आदिवासी बालन खाना खरीदकर घर लौट रहा था। उनकी तलाश में निकले एक खोज दल को अट्टामाला के एक चाय बागान में उनका शव मिला।
गौरतलब है कि पिछले जुलाई में भूस्खलन के बाद से इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष बढ़ गया है, राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस भी मनुष्यों के लिए खतरा पैदा करने वाले वन्यजीवों से निपटने के लिए कानूनों में संशोधन की मांग कर रही है।
सोमवार की रात वायनाड के नूलपुझा में हाथी के हमले में एक और आदिवासी युवक की मौत हो गई, जबकि तिरुवनंतपुरम ग्रामीण और इडुक्की जिलों में दो अन्य मौतें हुईं।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2016 से अब तक जंगली हाथियों के हमलों में केरल में 192 लोग मारे गए हैं और 216 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मलप्पुरम, वायनाड और इडुक्की जैसे जिलों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं।














