चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर टिप्पणी को लेकर भाजपा उम्मीदवार और पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को 24 घंटे के लिए निलंबित किया
By: Rajesh Bhagtani Tue, 21 May 2024 3:54:24
कोलकाता। चुनाव आयोग ने कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज और भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय पर कड़ा ऐक्शन लिया है और उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के खिलाफ अशोभनीय और अभद्र टिप्पणी करने के मामले में ये कार्रवाई की है। आयोग ने गंगोपाध्याय की टिप्पणी की कड़ी निंदा भी की है।
अपने आदेश में, चुनाव निकाय ने गंगोपाध्याय को 21 मई, 2024 (आज) शाम 5 बजे से 24 घंटे की अवधि के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया। चुनाव आयोग ने गंगोपाध्याय को आदर्श आचार संहिता के दौरान अपने सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की भी सख्त चेतावनी दी।
आयोग ने अपने आदेश में गंगोपाध्याय पर अगले 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी आज (21 मई को) शाम 5 बजे शुरू होगी। आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए गंगोपाध्याय से सोमवार तक जवाब मांगा था, जिसे गंगोपाध्याय ने सोमवार की शाम तक जमा करवा दिया था।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि यह बहुत दुखद है कि ऐसी घृणित टिप्पणी अभिजीत गंगोपाध्याय ने की है, जिनकी शैक्षिक और व्यावसायिक पृष्ठभूमि अन्य लोगों से भिन्न है। इसलिए वे संदेह के किसी भी लाभ के पात्र नहीं हैं। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने शब्दों के जरिए पश्चिम बंगाल राज्य को नुकसान और बदनामी पहुंचाई है, जहां महिलाओं के सम्मान की एक विशिष्ट परंपरा रही है।
हल्दिया में 15 मई को आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते समय कथित तौर पर बनर्जी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर गंगोपाध्याय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने ये कार्रवाई की। भाजपा ने गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट से मैदान में उतारा है, जहां 25 मई को मतदान होगा।
आरोप है कि 15 मई को गंगोपाध्याय ने हल्दिया में एक रैली में बांग्ला में कहा था, ''ममता बनर्जी, आप कितने में बिक रही हैं? आपका रेट 10 लाख है, क्यों? क्योंकि आप केया एस से अपना मेकअप करवा रही हैं।"
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने अपने नोटिस में कहा था कि गंगोपाध्याय की टिप्पणी “अनुचित, विवेकहीन, हर मायने में गरिमा से परे, अपमानजनक” और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और राजनीतिक दलों को दिए गए परामर्श का उल्लंघन करने वाली पाई गई है। बता दें कि अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को कलकत्ता हाई कोर्ट के जज के पद से इस्तीफा दे दिया था और 7 मार्च को वह भाजपा में शामिल हो गए थे।