दिल्ली की सड़कों पर आम लोगों के सफर को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए जल्द ही बड़ा बदलाव हो सकता है। दिल्ली सरकार की आगामी 'दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0' के तहत सीएनजी ऑटो रिक्शा को धीरे-धीरे हटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा। अगर यह नीति लागू होती है तो दिल्ली की सड़कों पर अब 'हरे-पीले' रंग के सीएनजी ऑटो की जगह नीले और सफेद रंग के इलेक्ट्रिक ऑटो दौड़ते नजर आएंगे।
क्या है नई पॉलिसी का उद्देश्य?
दिल्ली सरकार की यह नीति दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या को बढ़ाने के लिए बनाई गई है। इसके तहत सरकार 10 साल से ज्यादा पुराने सीएनजी ऑटो रिक्शा, टैक्सी और लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (LCVs) को चरणबद्ध तरीके से हटाएगी। इन वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा, 2-व्हीलर्स, लाइट कमर्शियल व्हीकल्स और यहां तक कि इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार का इंसेंटिव
नई नीति में सरकार उन लोगों को इंसेंटिव देने का भी प्रस्ताव कर सकती है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी करेंगे। इसके तहत इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा, 2-व्हीलर्स और अन्य इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की खरीद पर सब्सिडी और अन्य लाभ दिए जा सकते हैं।
डीटीसी की बसों का भी होगा इलेक्ट्रिककरण
दिल्ली सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि डीटीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) की बसों के बेड़े को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना है। इस नई नीति के तहत सरकार पूरी तरह से कमर्शियल, फ्लीट और ट्रांसपोर्ट से जुड़े वाहनों को इलेक्ट्रिक से बदलने की दिशा में भी काम कर सकती है।
दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0: दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का नया युग
दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का पहला वर्जन 2020 में लागू हुआ था, जो अगस्त 2024 में समाप्त हो गया। अब इसकी जगह दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 लाने की तैयारी है। इस नई पॉलिसी में कई अहम बदलाव होने की संभावना है, जो दिल्ली सरकार के 2027 तक राजधानी में 95 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेंगे।
नई पॉलिसी में प्रमुख बदलाव
दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता को बढ़ाना है। इसके तहत सरकार जनता को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू कर सकती है, जिनमें इंसेंटिव्स और सब्सिडी देने के साथ-साथ पेट्रोल वाहनों में इलेक्ट्रिक सिस्टम की रेट्रोफिटिंग को बढ़ावा देना भी शामिल हो सकता है।
इसके अलावा, नई पॉलिसी के तहत सरकार यह भी प्रस्ताव कर सकती है कि सभी नई बिल्डिंग्स में पार्किंग के 20 प्रतिशत हिस्से को इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए आरक्षित किया जाए। इससे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा और इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार
नई पॉलिसी का एक और अहम पहलू चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना है। इसके तहत सरकार का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पर्याप्त और सुविधाजनक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करना होगा, जिससे लोगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल और भी सरल और सुलभ हो सके।