रूस ने दी यूरोप को तेल सप्लाई रोकने की धमकी, कहा - 300 डॉलर प्रति बैरल हो जाएगा क्रूड ऑयल
By: Priyanka Maheshwari Tue, 08 Mar 2022 1:01:21
रूस ने पश्चिमी देशों को चेताया कि वह क्रूड ऑयल (Crude Oil) को 300 डॉलर प्रति बैरल के भी पार पहुंचा सकता है। रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर Alexander Novak ने सरकारी टेलीविजन पर एक बयान में कहा, 'यह पूरी तरह से साफ है कि अगर रूसी तेल को रिजेक्ट किया गया तो ग्लोबल मार्केट पर इसके भयानक दुष्परिणाम होंगे। क्रूड ऑयल की कीमतों में ऐसी तेजी आएगी, जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। यह ज्यादा नहीं भी चढ़ा तो भी 300 डॉलर प्रति बैरल हो जाएगा।'
दरअसल, यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद से ही रूस को अमेरिका व पश्चिमी देशों के कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। स्विफ्ट से बाहर करने और कई बैंकों पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका ने बीते दिनों रूसी तेल व गैस को बैन करने के संकेत दिए।
नोवाक अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) की एक हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। ब्लिंकेन ने कहा था कि अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देश रूस के तेल व गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी इस टिप्पणी के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी तेजी आई। क्रूड ऑयल इसके बाद 140 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया, जो 2008 के बाद का इसका सबसे हाई लेवल है। अमेरिका व सहयोगी देश रूस के तेल व गैस पर बैन लगने से होने वाली उथल-पुथल को थामने के लिए ईरान को वापस मार्केट में लाने का भी प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए खटाई में पड़े ईरान न्यूक्लियर डील को रिवाइव किया जा रहा है।
रूसी लीडर ने यूरोप पर निशाना साधते हुए कहा कि रूस से उसे जो तेल मिलता है, उसे रिप्लेस करने में साल भर से ज्यादा समय लग जाएगा। इसके साथ ही यूरोप को ज्यादा पैसे भी देने होंगे। उन्होंने कहा, 'यूरोपीय नेताओं को ईमानदारी से अपने लोगों को बताना चाहिए कि क्या होगा। अगर आप रूस की एनर्जी सप्लाई रोकना चाहते हैं तो ऐसा करिए। हम इसके लिए तैयार हैं। हमें पता है कि ऐसा होने पर हमें अपना तेल कहां बेचना है।'
उन्होंने जर्मनी के द्वारा नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन का सर्टिफिकेशन फ्रीज किए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अभी यूरोप की गैस जरूरतों का 40% देने वाला रूस अब तक अपनी जिम्मेदारियां पूरी तरह से निभा रहा है, लेकिन जर्मनी के एक्शन के बाद इससे पीछे हटने का रूस को पूरा अधिकार है।
ये भी पढ़े :