10 साल बाद संसद की सुरक्षा से मुक्त हुई CRPF, अब CISF करेगी सुरक्षा
By: Rajesh Bhagtani Sun, 19 May 2024 5:03:40
नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा के लिए समर्पित पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) को तैनात करने, इसकी योजना बनाने और उन्हें प्रशिक्षित करने में लगभग 13 साल लग गए। लेकिन 10 साल के बाद ही इसे भंग कर दिया। 2013 से संसद भवन की सुरक्षा कर रहे लगभग 1,400 जवानों की ड्यूटी का शुक्रवार को आखिरी दिन था। अब संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के मजबूत कंधों पर है।
2023 में संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह और अन्य सुरक्षा विशेषज्ञों के नेतृत्व में संसद में सुरक्षा चूक की जांच की गई, जिसमें संसद भवन की सुरक्षा के पुनर्गठन की सिफारिश की गई थी।
न्यूज-18 ने अपनी एक रिपोर्ट में नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी के हवाले से कहा, “हम बहुत लंबे समय से संसद भवन की सुरक्षा कर रहे हैं। पांच महीनों के भीतर, सब कुछ बदतर हो गया और जवानों को अपने ड्यूटी को छोड़ने और नए कार्यों की तलाश करने के लिए कहा गया।''
उन्होंने आगे कहा, ''पिछले साल की सुरक्षा चूक की जांच करने वाली समिति की अध्यक्षता डीजी सीआरपीएफ ने की थी, लेकिन यह निर्णय लिया गया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) इमारत की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ से अधिक उपयुक्त है।"
सूत्रों ने बताया कि PDG से लगभग 150% अधिक सैनिकों के साथ CISF अब संसद भवन में तैनात है। चूंकि सीआरपीएफ को संस्थानों और इमारतों की सुरक्षा में महारथ हासिल नहीं है इसलिए सीआईएसएफ को भी तैनात करने का निर्णय लिया गया। सीआईएसएफ को देश के सभी महत्वपूर्ण संस्थानों, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु सहित प्रमुख हवाई अड्डों और गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय आदि की इमारतों पर तैनात किया गया है।
सीआरपीएफ जम्मू और कश्मीर और माओवाद प्रभावित इलाकों से जवानों को भेजती थी ताकि किसी भी प्रतिकूल स्थिति में वे आसानी से निपट सकें। इससे जवानों को अपने परिवार के साथ कुछ दिन बिताने की भी अनुमति मिल गई।