उत्तराखंड के पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनोखा बयान, बोले- कोरोना वायरस एक प्राणी, उसे भी जीने का अधिकार; कांग्रेस नेता ने कसा तंज
By: Pinki Fri, 14 May 2021 12:02:23
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना को लेकर गुरुवार को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया था। जिसके बाद वे विवादों में घिर गए हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'कोरोना वायरस भी एक प्राणी है। ऐसे में उसे भी जीने का अधिकार है। चूंकि हम उसके पीछे पड़े हैं तो वो भी बार-बार रूप बदल रहा है।' उधर, पूर्व सीएम का बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने इस बयान को न केवल असंवेदनशील, बल्कि 'मूर्खतापूर्ण' भी कहा है। इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने तंज कसा है कि कोरोना एक प्राणी है तो इसका आधार कार्ड-राशन कार्ड भी होगा?
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि रावत, जो राज्य के सीएम थे, उनका ये बयान मूर्खता और बकवास के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने अपना आपा खो दिया है और उनके पास कोई दूरदृष्टि नहीं है, जिसके कारण उनकी पार्टी में ऐसी गति हुई है।
यह पहली बार नहीं है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले बीते साल मार्च में रावत ने चौंकाने वाला बयान देकर अपनी फजीहत कराई थी। रावत ने दावा किया था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है जो ऑक्सिजन को सांस के रूप में बाहर निकालता है। हालांकि इसी साल मार्च में, बीजेपी ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था।
"Corona virus is a living being and every living creature has a right to live", says BJP leader and Ex Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) May 13, 2021
With such people at the helm of affairs it should not be a surprise that our country is facing worst human tragedy in the world today. pic.twitter.com/zJBgus9o5k
बीजेपी ने किया बचाव
विपक्षी दलों के हमले के बीच बीजेपी ने रावत का बचाव किया है। बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ गंदे खेल खेल रही है और इस महामारी में भी सब कुछ नकारात्मक देख रही है जबकि AAP सिर्फ सस्ते प्रचार के लिए ऐसा कर रही है क्योंकि राज्य में उसकी कोई राजनीतिक उपस्थिति नहीं है।
रावत का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश के 18 राज्यों में कोरोना के चलते टोटल लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू हैं। वहीं 14 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में रावत के बयान को लेकर लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। एक यूजर ने तंज कसा है कि इस वायरस प्राणी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में शरण दे दी जानी चाहिए।
18 राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां
देश के 18 राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन जैसी पाबंदियां हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मिजोरम, गोवा, तेलंगाना और पुडुचेरी शामिल हैं। यहां पिछले लॉकडाउन जैसे ही कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन
देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन है। यानी यहां पाबंदियां तो हैं, लेकिन छूट भी है। इनमें पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नगालैंड, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और गुजरात शामिल हैं।
केंद्र सरकार के मुताबिक, देश में 24 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां 15% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है।
10 राज्य जहां पॉजिटिविटी रेट 25% से अधिक
गोवा
पुडुचेरी
पश्चिम बंगाल
कर्नाटक
हरियाणा
राजस्थान
चंडीगढ़
हिमाचल प्रदेश
आंध्र प्रदेश
ओडिशा
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