इंग्लैंड के लिए भी घातक बन रहा कोरोना का डेल्टा वैरिएंट, 11 दिनों में दोगुने हुए मामले
By: Pinki Fri, 18 June 2021 11:18:01
भारत में कहर बरपा चुका कोरोना का डेल्टा वैरिएंट अब दूसरे देशों में आने पैर पसार रहा है। इंग्लैंड 11 दिन में इस वैरिएंट के मामले दोगुने हो गए। कोरोना को लेकर संबसे सटीक शोध करने वाली संस्था इंपीरियल कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने अपने शोध में अनुमान जगाया है कि 10 संक्रमित लोग औसतन 14 अन्य लोगों को संक्रमित करेंगे जिससे महामारी तेजी से फैल सकती है। यह वैरिएंट इंग्लैंड समेत कई देशों में कोरोना की नई लहर बढ़ा सकता है। इसलिए टीकाकरण की रफ्तार और तेज करनी होगी।
इंपीरियल कॉलेज में संक्रामक रोग के प्रोफेसर स्टीवन रिले ने कहा, युवाओं में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। अगर यह वृद्धि इसी तरह जारी रही और बुजुर्ग भी प्रभावित हुए तो टीके 100 प्रतिशत कारगर नहीं होंगे। इससे अस्पतालों में भर्ती के मामले और मौतों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए जरूरी है कि लोग टीके की खुराक लें और नियमों का पालन करें।
इम्पीरियल कॉलेज कोविड -19 रिस्पांस टीम का कहना है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे सर्दियों में कोरोना की लहर और तेज होगी। बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की संख्ता में भारी इजाफा देखा जा सकता है।
यूके में पाए गए एल्फा वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा वैरिएंट 60% ज्यादा संक्रामक है और यह वैरिएंट वैक्सीन का असर भी कम करता है। यह दावा यूके के केंट पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, बाकी वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा वैरिएंट काफी संक्रामक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्फा की तुलना में डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन का असर कम करता है, इसके लिए इंग्लैंड और स्कॉटलैंड ने एक शोध किया है। पहली खुराक के बाद अगर डेल्टा वैरिएंट किसी को संक्रमित करता है तो ये जोखिम बढ़ा सकता है। हालांकि अगर किसी व्यक्ति ने वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं तो इसमें डेल्टा वैरिएंट इतना जोखिम भरा नहीं हो सकता है। लेकिन एल्फा वैरिएंट के मुकाबले ये वैक्सीन के असर को कम करता है।
80 देशों में फैल चुका डेल्टा वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को बताया कि मूल रूप से भारत में खोजा गया कोरोना डेल्टा वैरिएंट अब दुनिया के 80 देशों में फैल गया है। पहले इसका असर 40 देशों में था। संगठन के मुताबिक, यूके जैसे कुछ देशों में डेल्टा प्रमुख तनाव बन गया है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि डेटा से पता चलता है कि डेल्टा वैरिएंट सबसे घातक हो सकता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अधिकारियों ने को कहा कि ऐसी खबरें हैं कि डेल्टा संस्करण भी अधिक गंभीर लक्षण पैदा करता है, लेकिन उन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 10 मई को डेल्टा को चिंताजनक स्वरूप बताया था।
वैक्सीन लेने वाले देश भी सुरक्षित नहीं
सबसे चिंताजनक बात यह है कि जिन देशों में डेल्टा वैरिएंट कहर मचा रहा है उनमें से कई देश ऐसे हैं,जहां 60% से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक ली है। यानि वैक्सीन लेने वाले देश भी इस वैरिएंट से सुरक्षित नहीं है। ब्रिटेन में लगभग 65% लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है,फिर भी वहां डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
डेल्टा वैरिएंट चिंताजनक
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) ने कोरोना वायरस के डेल्टा रूप को चिंताजनक बताया है। सीडीसी ने कहा, अमेरिका में पाए जा रहे वायरस के स्वरूप बी.1.1.7 (अल्फा), बी.1.351 (बीटा), पी.1 (गामा), बी.1.427 (एप्सिलन), बी.1.429 (एप्सिलन) और बी.1.617.2 (डेल्टा) चिंता का विषय हैं। अमेरिका में अब तक ऐसा कोई स्वरूप नहीं है जिसका प्रभाव बहुत अधिक हो।
सीडीसी ने कहा कि डेल्टा स्वरूप में प्रसार क्षमता अधिक है। वायरस के किसी भी स्वरूप को चिंताजनक तब बताया जाता है जब वैज्ञानिक मानते हैं कि वह अधिक संक्रामक है तथा गंभीर रूप से बीमार कर सकता है।
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