कांग्रेस एकजुट होकर लड़ेगी विधानसभा चुनाव, नेतृत्व का फैसला आलाकमान करेगा: पायलट

By: Shilpa Fri, 15 Sept 2023 7:37:13

कांग्रेस एकजुट होकर लड़ेगी विधानसभा चुनाव, नेतृत्व का फैसला आलाकमान करेगा: पायलट

जयपुर। आगामी नवंबर-दिसंबर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लेकर सचिन पायलट ने कांग्रेस की एकजुटता को लेकर बयान दिया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगी और अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इसका फैसला आलाकमान द्वारा नवनिर्वाचित विधायकों के साथ विचार विमर्श के बाद किया जाएगा। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हर पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा को तोड़ेगी।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले पायलट ने कहा कि कांग्रेस 2018 के राजस्थान चुनाव में किए गए सभी चुनावी वादों पर खरी उतरी है और राज्य सरकार और पार्टी मिलकर काम कर रही हैं। पायलट ने विश्वास जताया कि इस एकजुटता के परिणामस्वरूप इस चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी को पराजित करेगी। चुनाव में पार्टी के सामूहिक नेतृत्व के साथ उतरने से जुड़े अपने पहले के बयान के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि यह न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश में कांग्रेस की परंपरा रही है। उनका कहना था कि एक बार जब हम चुनाव जीत जाते हैं और बहुमत प्राप्त कर लेते हैं, तो विधायक और पार्टी नेतृत्व तय करते हैं कि विधायक दल का नेतृत्व कौन करेगा। यह कोई नई बात नहीं है। यह दशकों से परिपाटी रही है और अगले कुछ महीने में हम जिन राज्यों में चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं वहां पर भी यही नीति अपनाई जाएगी।

आलाकमान द्वारा नवनिर्वाचित विधायकों के साथ विचार विमर्श के बाद तय होगा नेता


कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि (मल्लिकार्जुन) खरगे जी, राहुल (गांधी) जी और सोनिया जी हमारे नेता हैं और राजस्थान में हमारी कांग्रेस सरकार है। इसलिए हमें एकजुट होकर प्रभावी ढंग से काम करना होगा ताकि चुनाव जीता जा सके। अगर हमें बहुमत मिलता है तो विधायकों से विचार विमर्श किया जाएगा और नेतृत्व उसके आधार पर फैसला करेगा कि सरकार की कमान किसे सौंपी जाए।

पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा एकजुट रही है। हमारे पास जो भी मुद्दे हैं, उन पर चर्चा करना, बात करना और यह सुनिश्चित करना हमारे अधिकार में है कि लोगों की आवाज ऊपर के स्तर पर सुनी जाए। यह पूछे जाने पर कि अतीत में गहलोत (राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत) ने उन्हें 'निकम्मा-नाकारा'और 'गद्दार' जैसे नामों से बुलाया था और क्या वह इन बातों को भूल चुके हैं, पायलट ने कहा कि मैंने अपने सभी सार्वजनिक बयानों में हमेशा अत्यधिक सम्मान और संयम दिखाया है। मेरे मूल्य और संस्कार मुझे ऐसी भाषा का उपयोग करने की इजाजत नहीं देते जो हमारी बातचीत की गरिमा को कम कर दे। उनका कहना था कि मैंने जो मुद्दे उठाए उनका पार्टी नेतृत्व ने संज्ञान लिया और उनके समाधान के लिए कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।

यह पूछे जाने पर कि पिछले साल विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के मामले में गहलोत के तीन वफादार नेताओं के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है, पायलट ने कहा कि वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि ऐसे मुद्दों पर फैसला एआईसीसी को करना है। पायलट ने दावा किया कि भाजपा राज्य में बुरी स्थिति में है और अपने संगठन के भीतर विभिन्न प्रकार के विरोधाभासों का सामना कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्र में सत्ताधारी दल की भूमिका नहीं निभा पाई और उसने लोगों को निराश किया । साथ ही वह राजस्थान में भी विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करने में विफल रही।

संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही भाजपा

राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी के हमले पर पलटवार करते हुए पायलट ने कहा कि भाजपा को संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, अन्य भाजपा शासित राज्यों में दलितों एवं आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर भी उतनी ही चिंता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जब भी कानून-व्यवस्था की समस्या हुई है, सरकार ने कार्रवाई की है, प्रशासन ने दोषियों को पकड़ा है और अपराधियों को सख्त सजा दी है।

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