नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी चुनावी हार के बाद संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में जुटी हुई है। संगठन में किए जाने वाले बदलाव पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की बैठकें हो चुकी हैं। वहीं, ऐसी खबर है कि, प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
कांग्रेस पार्टी में सभी की निगाहें प्रियंका गांधी वाड्रा और संगठन के प्रभारी एआईसीसी केसी वेणुगोपाल पर थीं। वह इसलिए क्योंकि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्रीय और राज्य नेतृत्व में बड़े बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने 2024 का आम चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन बाद में उपचुनाव में जीत के बाद केरल के वायनाड से वह लोकसभा सांसद बनीं। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका एक अच्छी कम्युनिकेटर हैं तो वह कांग्रेस की स्टार प्रचारक बनी रहेंगी, लेकिन उन्हें भविष्य के चुनावों के प्रबंधन की देखरेख का अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। प्रियंका कुछ समय से बिना किसी प्रभार के एआईसीसी महासचिव हैं।
इस विषय पर असम के एआईसीसी प्रभारी जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि, वह निश्चित तौर पर प्रियंका को कांग्रेस पार्टी में बड़ी भूमिका निभाते देखना चाहेंगे। सिंह ने कहा कि, पार्टी में कोई भी बदलाव हमेशा स्वागत योग्य है। अनुभवी और नए चेहरों को शामिल करने से निश्चित रूप से कांग्रेस संगठन को बढ़ावा मिलेगा और यह भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होगा।
एक दशक से संगठन के प्रभारी वेणुगोपाल राज्यसभा के सदस्य थे, लेकिन पिछले साल अलप्पुझा से लोकसभा सांसद चुने गए और बाद में उन्हें संसद की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष नामित किया गया, जो प्रमुख सरकारी योजनाओं की समीक्षा करती है। इस पर पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि, वेणुगोपाल को 2026 में उनके गृह राज्य केरल में विधानसभा चुनाव खत्म होने तक बरकरार रखा जा सकता है।
महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बी.एम. संदीप ने बताया, "बदलाव की शुरुआत को देखें तो हाल ही में भक्त चरण दास को ओडिशा इकाई प्रमुख और हर्षवर्धन सपकाल को महाराष्ट्र इकाई प्रमुख के रूप में नामित करने के साथ हुई। यह राज्य चुनावों के बाद होना था। अगले कुछ दिनों में हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और असम में राज्य इकाई प्रमुखों को बदले जाने की संभावना है।
पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे और जोरहाट लोकसभा सांसद गौरव गोगोई को 2026 में पूर्वोत्तर राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए असम इकाई का प्रमुख बनाया जा सकता है। असम चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा को रोकने के लिए उत्सुक है, जो अगले साल तीसरे कार्यकाल की तलाश में है और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ गौरव गोगोई को आगे करना एक अच्छी रणनीति हो सकती है।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि, राज्य इकाई प्रमुखों के अलावा, बिहार, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और राजस्थान के एआईसीसी प्रभारियों को भी बदले जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि खड़गे दो पूर्व मुख्यमंत्रियों छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और पंजाब के चरणजीत सिंह चन्नी को एआईसीसी की प्रमुख भूमिकाएं दे सकते हैं। बघेल को बिहार का प्रभार दिया जा सकता है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, क्योंकि राहुल गांधी उससे पहले पूरी राज्य इकाई में फेरबदल करना चाहते हैं।