आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को विदेशों में घेरने के लिए सरकार ने ऑल पार्टी डेलीगेशन को विभिन्न देशों में भेजने का फैसला लिया है। इन डेलीगेशनों में से एक का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सौंपा गया है। इस मुद्दे पर राजनीति चरम पर पहुंच चुकी है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने शनिवार, 17 मई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शशि थरूर पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में जमीन और आसमान का फर्क होता है।" हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर शशि थरूर का नाम नहीं लिया।
शशि थरूर पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए जयराम रमेश ने कहा, "व्यक्तियों को लेकर टिप्पणी नहीं करूँगा, लेकिन कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में जमीन-आसमान का अंतर है।"
जयराम रमेश ने आगे कहा, "सरकार ने चार नाम मांगे थे, हमने वह नाम दिए। लेकिन सरकारी प्रेस रिलीज देखकर हैरानी हुई। सरकार का व्यवहार ईमानदारी से कोसों दूर है, और वह गंभीर मामलों में खेल खेल रही है। सरकार की कूटनीति फेल हो चुकी है। यह अवसरवाद की राजनीति है। सरकार ट्रंप को सीधे जवाब देने से कतरा रही है, जिन्होंने एक बार फिर (सातवीं बार) भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की बात दोहराई है। ऐसे में सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।"
'हम नामों में कोई बदलाव नहीं करेंगे'
जयराम रमेश ने स्पष्ट किया, "सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत है, लेकिन सरकार की ओर से नाम मांगकर उन नामों का एलान न करना बेईमानी है। हम चार नामों में कोई बदलाव नहीं करेंगे।"
'यहाँ खेल खेला जा रहा है'
सरकार को निशाने पर लेते हुए जयराम रमेश ने कहा, "किरन रिजिजू ने हमसे चार नाम मांगे थे और हमने चार नाम दिए। हम उम्मीद करते थे कि प्रतिनिधिमंडल में ये सभी नाम शामिल किए जाएंगे। अब आगे क्या होगा, मैं कुछ नहीं कह सकता। कांग्रेस ने अपना कर्तव्य निभाया है। हमने विश्वास के साथ नाम दिए कि सरकार ईमानदारी से नाम मांग रही है। लेकिन सरकार का व्यवहार ईमानदारी नहीं दर्शाता, बल्कि खेल खेला जा रहा है। यह गंभीर मामला है, पर खेल खेला जा रहा है। हम सीधे बैट से खेल रहे हैं, पर यह समझ नहीं आता कि सरकार किस बैट से खेल रही है।"