छत्तीसगढ़ : 106 घंटे चला बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन, 60 फीट नीचे फंसे राहुल को सुरक्षित निकाला गया बाहर

By: Priyanka Maheshwari Wed, 15 June 2022 2:22:52

छत्तीसगढ़ : 106 घंटे चला बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन, 60 फीट नीचे फंसे राहुल को सुरक्षित निकाला गया बाहर

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे राहुल को आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। प्रशासन, SDRF, NDRF और सेना ने इस ऑपरेशन को बिना रुके अंजाम दिया। ये देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन 106 घंटे तक चला। बता दे, राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्‌ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्‌ढा 60 फीट गहरा था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेस्क्यू ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब होने की जानकारी दी। CM ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गड्‌ढे में एक सांप भी आ गया था। मगर खतरा टल गया। काफी लोग घटनास्थल के पास मौजूद थे।

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जैसे ही राहुल को बाहर निकाला गया जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। लोगों ने रेस्क्यू टीम के लिए तालियां बजाईं और पटाखे भी चलाए गए। लोगों ने SDRF, NDRF और सेना के जवानों को गोद में उठा लिया। पांच दिनों में राहुल की निगरानी स्पेशल कैमरे से की जा रही थी। उसे भोजन-पानी दिया जा रहा था। हौसला बनाए रखने के लिए लगातार उससे बात भी की जाती रही। पांच दिन तक 60 फीट नीचे दबे रहने के कारण और गड्ढे में पानी भरे होने के कारण उसके शरीर में कमजोरी है।

सेना के जवानों ने रेस्क्यू की कमान अपने हाथ में ले ली थी। वो टनल के जरिए पहले बोरवेल और फिर राहुल तक पहुंचे। बच्चे के अंदर होने की वजह से चट्टानों को ड्रिलिंग मशीन से ना काटकर हाथ से तोड़ा गया, फिर अंदर की मिट्टी हटाई गई। ऐसा करते-करते जवान राहुल तक पहुंचे। इसके बाद रस्सी से खींचकर राहुल को बाहर लाया गया। उसकी हालत को देखते हुए पहले से ही एंबुलेंस, डाक्टरों की टीम और मेडिकल इक्विपमेंट्स तैयार थे। टनल से एंबुलेंस तक कॉरिडोर बनाया गया था। राहुल को स्ट्रेचर के जरिए सीधे एंबुलेंस तक लाया गया।

सेना ने बताया कि यह एक जॉइंट ऑपरेशन था। सवाल बच्चे की जिंदगी का था, ऐसे में चट्‌टान तोड़ने के लिए इक्विपमेंट्स से ज्यादा हाथों का इस्तेमाल किया गया। जवान हाथों से मिट्टी निकाल रहे थे और कोहनी के सहारे आगे बढ़ रहे थे। धीरे-धीरे मिट्टी हटाते-हटाते आखिरकार वह लम्हा आ ही गया जब बनाई गई टनल बोरवेल से मिल गई। वहां अंदर चट्टान के हिस्से पर सोए राहुल की पहली झलक जवानों को मिली। बाहर जानकारी दी गई और भीड़ भारत माता की जय के नारे लगाने लगी।

आपको बता दे, इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रिंस को 50 घंटे में बचाया गया था।

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