
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 10 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े एक बड़े शराब घोटाले की चल रही जांच के तहत की गई। जिन परिसरों की तलाशी ली गई, उनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़े परिसर शामिल हैं, जिनमें उनके बेटे चैतन्य बघेल का आवास और लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल सहित उनके करीबी सहयोगियों की संपत्तियां शामिल हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
कहा जाता है कि शराब घोटाले से राज्य के खजाने को लगभग 2,161 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है, जिसमें कथित तौर पर विभिन्न धोखाधड़ी योजनाओं के माध्यम से अपराध से प्राप्त आय को निकाल लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, चैतन्य बघेल को इन अवैध निधियों के प्राप्तकर्ताओं में से एक माना जाता है।
ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि राज्य के शराब वितरण प्रणाली में शामिल सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों और ठेकेदारों के नेटवर्क के माध्यम से धन की लूट कैसे की गई। इन निधियों का कथित तौर पर घोटाले के लाभार्थियों को समृद्ध करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कथित तौर पर कई उच्च पदस्थ राजनीतिक और नौकरशाही हस्तियां शामिल थीं। उत्पाद शुल्क संग्रह और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों का डायवर्जन जांच के केंद्र में था।
चैतन्य बघेल की कथित भूमिका
हालांकि अभी तक किसी भी प्रत्यक्ष आधिकारिक बयान में चैतन्य बघेल को घोटाले से नहीं जोड़ा गया है, लेकिन उनकी संपत्तियों पर छापेमारी से पता चलता है कि ईडी को अवैध संचालन में उनकी भूमिका के बारे में संदेह है। जांच वित्तीय लेनदेन और व्यापारिक सौदों पर केंद्रित है जो बड़े शराब सिंडिकेट से जुड़े हो सकते हैं। जांचकर्ता विशेष रूप से इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या घोटाले से जुड़े किसी भी फंड को चैतन्य बघेल और उनके सहयोगियों से जुड़े व्यवसायों या संपत्तियों में लगाया गया था।
अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उनके परिवार ने अपने राजनीतिक प्रभाव के कारण उत्पाद शुल्क संग्रह और अन्य अवैध गतिविधियों के डायवर्जन से लाभ उठाया है। जैसे-जैसे जांच जारी है, प्रवर्तन निदेशालय सभी जिम्मेदार लोगों को ट्रैक करने और उनकी राजनीतिक स्थिति या संबंधों की परवाह किए बिना जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्प है।
#WATCH | Chhattisgarh | Enforcement Directorate (ED) is conducting searches at the residence of former Chief Minister and Congress leader Bhupesh Baghel's son in an ongoing money laundering case.
— ANI (@ANI) March 10, 2025
(Visuals from Durg) pic.twitter.com/k5Gmgew4K4
ईडी की रेड के बाद भूपेश बघेल के कार्यालय ने कहा, "झूठे मामले को सात साल बाद कोर्ट में खारिज किए जाने के बाद, आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व सीएम और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर प्रवेश किया। भूपेश बघेल के कार्यालय का कहना है कि अगर पंजाब में कांग्रेस को इस साजिश के जरिए रोकने की कोशिश की जा रही है, तो यह एक गलतफहमी है।"
बता दें कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की जांच में चैतन्य बघले का नाम भी सामने आया था। इससे पहले मई 2024 में ईडी ने कई बड़ी कार्रवाई की थी और शराब घोटाले से जुड़े आरोपियों की 18 चल संपत्तियां और 161 अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की थीं। इन संपत्तियों की कुल कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी।
When the false case going on for seven years was dismissed in the court, today, the guests of ED entered the Bhilai residence of former CM and Congress General Secretary Bhupesh Baghel. If someone is trying to stop Congress in Punjab through this conspiracy, then it is a… pic.twitter.com/sg6FqCO8rg
— ANI (@ANI) March 10, 2025














