दिल्ली : दो मरीजों की छोटी आंत में मिला 'ब्लैक फंगस' का संक्रमण, इन रेयर केस ने बढ़ाई चिंता

By: Pinki Sat, 22 May 2021 6:37:54

दिल्ली : दो मरीजों की छोटी आंत में मिला 'ब्लैक फंगस' का संक्रमण, इन रेयर केस ने बढ़ाई चिंता

देश में कोरोना महामारी के साथ-साथ एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। कई राज्यों ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। इस बीमारी का नाम है ब्लैक फंगस। देश में अब तक ब्लैक फंगस के 9,320 मरीज मिल चुके है वहीं 235 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा 5000 हजार मामले तो अकेले गुजरात में ही सामने आए हैं। इस संक्रमण के चलते कुछ मरीजों की आंख तक निकालनी पड़ रही है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, तेलांगना और तमिलनाडु भी ब्लैक संक्रमण को महामारी घोषित कर चुके हैं।

ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार चौंकन्नी हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ब्लैक फंगस से उत्पन्न होने वाले रोग म्यूकरमाइकोसिस के उपचार में काम आने वाली दवा ‘एंफोटेरिसिन-बी’ के उत्पादन के लिए पांच और कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है और वे जुलाई से हर महीने इस दवा की 1,11,000 शीशियों का उत्पादन शुरू करेंगी।

इसके साथ ही, केंद्र ने म्यूकरमाइकोसिस के प्रसार को चिंता का कारण बताते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे फंगस संक्रमण को रोकने की अपनी तैयारियों तथा अस्पतालों में उपचार और स्वच्छता की समीक्षा करें।

छोटी आंतों में मिला ब्लैक फंगस

वही, इस बीच दिल्ली गंगा राम अस्पताल में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का चौंकाने वाला रेयर केस सामने आया है। इस केस में मरीज पर की गई बायोप्सी में ब्लैक फंगस का संक्रमण छोटी आंत में देखा गया है। गंगा राम अस्पताल में 56 और 68 वर्ष के दो मरीजों की छोटी आंत में ये संक्रमण देखने को मिला। शुगर की बीमारी से पीड़ित दोनों मरीज कोरोना संक्रमित हुए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ एक व्यक्ति को स्टेरॉयड दिया गया था।

पहल मामला

पहला मामला 56 साल के कुमार का है। कुमार दिल्ली में ही रहते हैं। अपनीं पत्नी के साथ कुमार भी कोरोना संक्रमित हुए थे। हालाकि, कोरोना से उनकी पत्नी और परिवार के दो सदस्यों की मौत हो चुकी है। कुमार को शुरू में पेट में दर्द हुआ तो उन्होंने समझा कि चिंता की वजह से एसिडिटी की परेशानी हो रही होगी। उन्होंने खुद से एसिडिटी की दवा ले ली। इससे सही इलाज शुरू होने में तीन दिन की देर हो गई। आखिर में उन्होंने सर गंगा राम अस्पताल की कोविड इमरजेंसी में जांच कराई।

सीटी स्कैन से सामने आया कि उनकी छोटी आंत में छेद हो गया है। सर गंगा राम अस्पताल में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांटेशन डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ उषास्त धीर ने बताया कि मरीज में जेजुनम (छोटी आंत का पहला भाग) में अल्सरेशन की वजह से फंगल डिजीज का शक हुआ। उनका तुरंत एंटिफंगल ट्रीटमेंट शुरू किया गया। हमने निकाली गई आंत के एक हिस्से को बायोप्सी के लिए भेज दिया है।

दूसरा मामला

दूसरा मामला 68 साल के एजाज का है। एजाज भी कोरोना से संक्रमित हुए थे. ठीक होने के बाद उन्हें पेट में हल्का दर्द होने लगा। वे डायबिटिक थे और उन्हें कोविड के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया गया था। जांच में भी उनकी आंत में कोई समस्या नहीं दिखी। सीटी स्कैन से ब्लैक फंगस का पता चला।

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