अजमेर/बिजयनगर। राजस्थान के चर्चित बिजयनगर ब्लैकमेल कांड में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष कोर्ट संख्या एक में आठ आरोपियों के खिलाफ 895 पन्नों का आरोप पत्र और 44 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला नाबालिग छात्राओं को ब्लैकमेल कर यौन शोषण और धार्मिक दबाव डालने से जुड़ा है। कोर्ट में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को तय की गई है।
क्या है पूरा मामला?
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार के अनुसार, आरोपियों ने बिजयनगर की नाबालिग छात्राओं को पहले फंसाया, फिर ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया। साथ ही, उन पर एक विशेष धर्म के रीति-रिवाज अपनाने का दबाव भी बनाया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने गिरोह बनाकर पहले लड़कियों का पीछा किया, फिर कैफे बुलाने और अन्य लड़कियों से बातचीत करवाने के लिए भी मजबूर किया।
13 गिरफ्तार, 8 पर चार्जशीट
बिजयनगर पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 5 नाबालिग हैं। शेष आठ को पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष कोर्ट में पेश किया गया और सभी वर्तमान में जेल में हैं। आरोपियों में अफराज, रेहान, अमन, जावेद अली, लुकमान, सोहेल मंसूरी, आशिक और करीम खान शामिल हैं।
कौन-कौन सी धाराएं लगीं?
आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट की धाराएं 7/8, 11/4(12), 15 तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 75(2), 64(1), 353क(1)(ग) लगाई गई हैं।
पर्दाफाश कैसे हुआ?
थाना प्रभारी करण सिंह खंगारोत ने बताया कि एक नाबालिग लड़की ने जब आरोपी को देने के लिए घर से ₹2000 चुराए, तब परिजनों को शक हुआ। पूछताछ में लड़की ने पूरी कहानी बयां कर दी, जिसके बाद परिजन पुलिस के पास पहुंचे और इस जघन्य कांड का खुलासा हुआ।
पांच पीड़िताएं सामने आईं
अब तक की जांच में पांच नाबालिग पीड़िताएं सामने आ चुकी हैं। आरोपियों ने न सिर्फ उनका मानसिक शोषण किया, बल्कि उनसे पैसों की भी वसूली की गई।