बैडमिंटन कोच ने मांगी छात्रा से व्हाट्सएप पर न्यूड वीडियो, उसके बाद हुआ कुछ ऐसा

By: Rajesh Bhagtani Thu, 23 Nov 2023 10:06:19

बैडमिंटन कोच ने मांगी छात्रा से व्हाट्सएप पर न्यूड वीडियो, उसके बाद हुआ कुछ ऐसा

कोयंबटूर। तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने यहां के एक प्राइवेट स्कूल में 23 नवंबर को एक बैडमिंटन कोच को 17 साल की नाबालिग लड़की से न्यूड वीडियो सोशल मीडिया साइट व्हाट्सएप पर मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। प्राप्त समाचारों के मुताबिक आरोपी कोच ने छात्रा से व्हाट्सएप पर अपनी न्यूड वीडियो भेजने के लिए कहा था। हालांकि, लड़की ने उसे अपनी न्यूड तस्वीरें देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही इस घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी। जिसके बाद परिवारवालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

बैडमिंटन कोच के तौर पर काम करता है आरोपी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक 28 साल का डी अरुण ब्रून कोयंबटूर शहर के सोवरीपलायम का रहने वाले है। वह पिछले छह महीने से अविनाशी रोड स्थित एक प्राइवेट स्कूल में टेम्परेरी बैडमिंटन कोच के रूप में काम कर रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रून ने 11वीं कक्षा की एक 17 वर्षीय से पहले उसकी सामान्य तस्वीर भेजने को कहा। इसके बाद उनसे छात्रा से वॉट्सऐप पर नग्न तस्वीर भेजने को कहा हालांकि लड़की ने न्यूड तस्वीर देने से इनकार कर दिया।

पुलिस ने किया गिरफ्तार

कोच की तरफ से ऐसी हरकत करने के बाद लड़की ने इस बात की सूचना अपने माता-पिता को दी, जिन्होंने बुधवार (22 नवंबर) की शाम को केंद्रीय महिला पुलिस निरीक्षक वाडिवुकरसी के पास शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कोच के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद स्कूल प्रबंधन ने भी बैडमिंटन कोच पर एक्शन लेते हुए उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया।

दूसरी लड़कियों से भी मांगता था न्यूड

सूत्रों के मुताबिक बैडमिंटन कोच अरुण ने पांच अन्य लड़कियों के साथ गलत हरकत करने की कोशिश की थी। उसने उनसे भी अपनी नग्न तस्वीरें अपने व्हाट्सएप नंबर पर भेजने को कहा था। फिलहाल पुलिस आरोप से पूछताछ कर रही है।

पोक्सो और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कितनी होती है सजा?

पोक्सो एक्ट बच्चों के साथ यौन शोषण और यौन उत्पीड़न के अपराध करने वालों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौत की सजा तक का प्रावधान है। वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में कंप्यूटर या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से किए गए अपराध आते हैं। इसमें 5 साल तक की कैद हो सकती है।

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