अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी एक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक नेता द्वारा की गई शिकायत के आधार पर की गई। राय पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अजीत सिंह ने बताया कि अली खान को दिल्ली से हिरासत में लिया गया। उन्होंने पुष्टि की कि गिरफ्तारी प्रोफेसर द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई टिप्पणियों से संबंधित है। आइए जानें वह पोस्ट क्या थी जिसके कारण यह गिरफ्तारी हुई।
किस बयान की वजह से हुई गिरफ्तारी?
फेसबुक पर साझा किए गए अपने पोस्ट में प्रोफेसर ने कहा, “मैं कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा करते हुए इतने सारे दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों को देखकर बहुत खुश हूं, लेकिन शायद वे उतनी ही तीव्रता से यह भी मांग करें कि भीड़ की हिंसा, अवैध बुलडोज़र कार्रवाइयों और बीजेपी की नफरत फैलाने वाली राजनीति के शिकार लोगों को भी भारतीय नागरिक के रूप में समान सुरक्षा दी जाए।” प्रोफेसर ने आगे कहा कि “दो महिला सैनिकों के निष्कर्ष प्रस्तुत करना बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन यह नजरिया जमीन पर भी दिखना चाहिए, वरना यह सब केवल पाखंड साबित होगा।”
उन्होंने यह भी लिखा, “जब एक प्रमुख मुस्लिम राजनेता ने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' कहा और पाकिस्तानी सोशल मीडिया ने उसे ट्रोल किया, तो भारतीय दक्षिणपंथी उसे यह कहकर बचा रहे थे कि ‘वह हमारा मुल्ला है।’ यह मजाकिया लग सकता है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाता है कि सांप्रदायिकता भारतीय राजनीति में कितनी गहराई से घर कर चुकी है।” प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, “मेरे लिए यह एक क्षणिक झलक थी, शायद एक भ्रम या संकेत, उस भारत का जो पाकिस्तान के निर्माण के तर्क को चुनौती देता है। जैसा कि मैंने कहा, आम मुसलमानों के सामने जो हकीकत है वह उस इमेज से अलग है जो सरकार दिखाना चाहती है। लेकिन यह भी सच है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाती है कि भारत, जो अपनी विविधता में एकजुट है, एक विचार के रूप में पूरी तरह मरा नहीं है।”
अली खान महमूदाबाद कौन हैं?
अली खान महमूदाबाद एक प्रसिद्ध इतिहासकार, राजनीतिक विश्लेषक, लेखक और कवि हैं। वे अशोका यूनिवर्सिटी, सोनीपत (हरियाणा) में फकैल्टी के रूप में कार्यरत हैं। उनका जन्म 2 दिसंबर 1982 को हुआ था। वे मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान के बेटे हैं, जिन्हें राजा साहब महमूदाबाद के नाम से जाना जाता है। राजा साहब ने सरकार द्वारा शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत ज़ब्त की गई अपनी पैतृक संपत्ति को वापस पाने के लिए करीब 40 वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ी। उनका निधन अक्टूबर 2023 में हुआ। अली के दादा मोहम्मद अमीर अहमद खान महमूदाबाद रियासत के अंतिम शासक थे और भारत के विभाजन से पहले मुस्लिम लीग के लंबे समय तक कोषाध्यक्ष और मुख्य वित्तीय सहयोगी रहे थे।
कहां से की पढ़ाई?
अली ने प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के ला मार्टिनियर स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वे इंग्लैंड चले गए और 1996 तक किंग्स कॉलेज स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने 2001 में विनचेस्टर कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बाद में, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज (यूके) से ऐतिहासिक अध्ययन में एम.फिल और पीएचडी पूरी की।
दमिश्क से अरबी की पढ़ाई और अंतरराष्ट्रीय अनुभव
कैम्ब्रिज से पीएचडी से पहले, अली ने सीरिया के दमिश्क यूनिवर्सिटी में अरबी भाषा का अध्ययन किया। सीरिया में बिताए समय के आधार पर उन्होंने कई प्रिंट और ऑनलाइन मीडिया में नियमित रूप से लेखन किया। उन्होंने ईरान और इराक में भी काफी वक्त बिताया है।
असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अली खान की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा, “अगर यह सच है, तो हरियाणा पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए दिल्ली से अली खान को गिरफ्तार किया है। यह किसी व्यक्ति को उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए निशाना बनाने जैसा है। उनका पोस्ट न तो राष्ट्रविरोधी था और न ही महिला विरोधी। महज़ एक भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत पर यह कार्रवाई करना पूरी तरह अनुचित है।”