जमानत के बाद आसान नहीं होगी आर्यन की आगे की लाइफ, इन 14 शर्तों में से एक भी तोड़ी तो रद्द हो जाएगी बेल

By: Pinki Fri, 29 Oct 2021 10:07:04

जमानत के बाद आसान नहीं होगी आर्यन की आगे की लाइफ, इन 14 शर्तों में से एक भी तोड़ी तो रद्द हो जाएगी बेल

शाहरुख के बेटे आर्यन खान को क्रूज ड्रग्स मामले में गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से जमानत मिल गई। हालांकि जमानत के साथ जस्टिस नितिन साम्ब्रे ने 14 शर्तें भी लागू की है। इन पाबंदियों के बाद आर्यन की लाइफ पहले की जैसे नार्मल नहीं रहने वाली है। आर्यन जमानत मिलने के बाद भी आज जेल से रिहा नहीं हो सके। जेल के अधिकारी के मुताबिक रिलीज ऑर्डर की कॉपी समय पर ऑर्थर रेड जेल नहीं पहुंच सकी। इसीलिए उन्हें अब कल ही रिहा किया जा सकेगा।जेल के कुछ अधिकारियों का कहना है कि आर्यन खान को आज की जगह कल रिहा किया जाएगा। जेल अधिकारियों के मुताबिक अगर सभी जमानत के कागजात शाम 5:35 बजे तक ऑर्थर रोड में जेल में जमा कर दिए जाते तो शाम 7 बजे तक उनकी रिहाई हो सकती थी। लेकिन रिलीज ऑर्डर की कॉपी समय रहते जेल में नहीं पहुंच सकी।

अदालत ने जो कंडीशन लगाई है उसके मुताबिक, आर्यन बिना इजाजत देश नहीं छोड़ सकेंगे। उन्हें अपना पासपोर्ट NDPS अदालत को सौंपना होगा। आर्यन को हर शुक्रवार को NCB ऑफिस जाकर हाजिरी भी देनी होगी।

अदालत ने ये 14 शर्तें रखीं

- आर्यन की ओर से 1 लाख का पर्सनल बॉन्ड जमा करना होगा।
- कम से कम एक या ज्यादा जमानती देना होगा।
- NDPS कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते।
- इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की अनुमति के बिना मुंबई नहीं छोड़ सकते।
- ड्रग्स जैसी किसी एक्टिविटी में मिलने पर जमानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी।
- इस केस को लेकर मीडिया या सोशल मीडिया में कोई बयान नहीं देना है।
- हर शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ऑफिस में सुबह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच आना होगा।
- केस की तय तारीखों पर अदालत में मौजूद होना होगा।
- किसी भी समय पर बुलाए जाने पर एनसीबी ऑफिस जाना होगा।
- मामले के दूसरे आरोपियों या व्यक्ति से संपर्क या बातचीत नहीं करेंगे।
- एक बार ट्रायल शुरू होने के बाद इसमें किसी तरह की देरी नहीं करेंगे।
- आरोपी ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो कोर्ट की कार्यवाही या आदेशों पर विपरीत असर डालती हो।
- आरोपी निजी तौर पर या फिर किसी और से गवाहों को धमकाने, प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ का प्रयास नहीं करेगा।
- अगर आवेदक/आरोपी इनमें से कोई भी नियम तोड़ता है तो NCB के पास यह अधिकार है कि वह उसकी जमानत अर्जी खारिज करने के लिए अदालत का रुख कर सकती है।

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