अलवर। जयसमंद बांध के पीछे केसरपुर में भाजपा नेता की 25 बीघा जमीन पर चल रही अवैध प्लॉटिंग पर यूआईटी ने बुधवार को बुलडोजर चलाए। आठ बुलडोजर ने करीब 9 घंटे में चारदीवारी और ग्रेवल सड़कों को ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि इस जमीन का कुछ हिस्सा मत्स्य विभाग के नाम है। कुछ भूमि चारागाह की है। हालांकि अधिकारी इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनका तर्क है कि कृषि भूमि का भू-उपयोग नहीं बदलवाने के कारण यह कार्रवाई की गई है।
आरोप है कि भाजपा के टिकट से राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे बन्ना राम मीणा इस जमीन पर पिछले छह महीने से अवैध प्लॉटिंग कर रहे थे। बाउंड्रीवॉल बनाई गई थी और ग्रेवल सड़क डाली गई थी। इस जमीन को किसी दूसरे भूमाफिया के नाम करने की तैयारी थी, लेकिन सौदा नहीं बन पाया। इस जमीन पर आठ बोरवेल हैं, जो सूखे हुए हैं।
इनके अलावा खटाना सिंह, भोपाल सिंह, रूप सिंह डेरा व हीरालाल गुर्जर ने भी कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग की थी। पूरे मामले को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया तो लोग जागे। उन्होंने यह प्रकरण जिला प्रभारी मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को बताया। उसके बाद सरकारी मशीनरी व प्रशासन हरकत में आया। तहसीलदार रश्मि शर्मा के नेतृत्व में बुधवार को यूआईटी के अतिक्रमण निरोधक अधिकारी अनिल शर्मा और पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची और कार्रवाई की।
गांव केसरपुर के संवत 2071-2074 खाता संख्या 701 पर मत्स्य विभाग फिशरिंग रिफॉर्म के नाम चली आ रही है। जिसको अवैध तरीके से अधिकारियों के साथ मिलीभगत से बिना विभाग को पक्षकार बनाए एवं बिना किसी जानकारी के खसरा नंबर 865/701 बदल दिया गया। विभाग की जमीन तीन खातेदार के नाम नामांतरण कर दिया गया। आरोप है कि दो माह बाद ही षड्यंत्र करके बन्नाराम मीणा ने इस भूमि का नामांतरण अपनी पत्नी के नाम खुलवा लिया।
ग्राम केसरपुर की आराजी खसरा नंबर 544 रकबा 1.30 हेक्टेयर, किस्म चारागाह वाके, जिसमें एक हेक्टेयर भूमि कब्रिस्तान के लिए आरक्षित की गई थी, जिस पर कब्जा किया गया। प्रशासन से लेकर कई अफसरों तक शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। मंदिरमाफी जमीन पर भी कब्जा किया गया।
अनिल शर्मा, अतिक्रमण निरोधक अधिकारी, यूआईटी का कहना है कि कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी। इसके लिए भू-उपयोग परिवर्तन जरूरी था। इसी कारण यूआईटी ने यह कार्रवाई की है। कुछ कार्रवाई शेष है, जो गुरुवार को होगी।