बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद को दो दिन पहले मिली राहत के बाद मंगलवार को बड़ा झटका लगा। मायावती का उत्तराधिकारी बनने के बाद आकाश को जो वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी, उसे मंगलवार को हटा लिया गया। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि कई वीवीआईपी की सुरक्षा की समीक्षा की गई और इसके बाद आकाश आनंद की सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया गया। बसपा में वापसी के बाद इस घटनाक्रम को विभिन्न नजरियों से देखा जा रहा है।
आकाश आनंद को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलने से उन्हें CRPF के करीब 8 से 10 सशस्त्र जवान मिले हुए थे और साथ ही उन्हें प्रोटोकॉल भी मिलता था। अब सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद आकाश की सुरक्षा प्रोटोकॉल में बड़ा बदलाव आ जाएगा।
मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व बताते हुए उन्हें अपने उत्तराधिकारी और महासचिव के पद से लोकसभा चुनाव के दौरान हटा दिया था। हालांकि, रविवार को आकाश को बसपा में फिर से वापस लेने का ऐलान किया गया था। आकाश की वापसी के साथ लखनऊ पार्टी कार्यालय में बुधवार को यूपी-उत्तराखंड के राज्य पदाधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मायावती आकाश आनंद की जिम्मेदारी के संबंध में कोई ऐलान कर सकती हैं।
सुरक्षा हटाने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भी बसपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। नेताओं का मानना है कि जैसे ही आकाश आनंद ने दोबारा सक्रिय होना शुरू किया, उनकी सुरक्षा हटा ली गई। यह चिंताजनक है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि बीएसपी इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है। आकाश आनंद को 1 मार्च 2024 को "वाई प्लस" सुरक्षा दी गई थी जब मायावती लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही थीं और आकाश को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया गया था। लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद द्वारा भाजपा पर की गई बयानबाजी के बाद मायावती ने उनकी जिम्मेदारी छीन ली थी, हालांकि बाद में उन्हें फिर से उत्तराधिकारी बना दिया था।
आकाश की वापसी के बाद मायावती की अहम बैठक
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की वापसी के बाद बुधवार को पार्टी पदाधिकारियों की एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ-साथ मंडलीय कोआर्डिनेटरों, जिलाध्यक्षों और बामसेफ के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है। यह बैठक खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि आकाश की वापसी के तुरंत बाद यह बैठक आयोजित की जा रही है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बैठक में आकाश की जिम्मेदारियों के बारे में कोई महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही संगठन विस्तार और भाईचारा कमेटियों के गठन की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी।
बसपा सुप्रीमो इस समय लखनऊ में रहकर विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी में जुटी हुई हैं और संगठन को मजबूत करने में लगी हुई हैं। उन्होंने पिछले छह महीनों में बूथ कमेटियों के गठन का निर्देश दिया था, वहीं भाईचारा कमेटियों को नए सिरे से बनाया जा रहा है। इसमें खास ध्यान दलितों और पिछड़ों के साथ-साथ मुस्लिमों को भी जोड़ा जा रहा है। यह भाईचारा कमेटी 2007 में बसपा के सत्ता में आने की महत्वपूर्ण वजह बनी थी।
मायावती बुधवार को होने वाली बैठक में संगठन और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जरूरी निर्देश दे सकती हैं, साथ ही आकाश आनंद की जिम्मेदारियों की भी घोषणा हो सकती है। इसके अलावा, आकाश आनंद को मंडलों में जाकर कॉडर कैंप करने का निर्देश भी दिया जा सकता है, जैसा कि मायावती ने कांशीराम के समय किया था। इसी तरीके से बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत स्थिति बनाई थी।