जांच एजेंसियों ने जारी की चेतावनी, 'अग्निपथ' योजना के विरोध के बहाने देश में माहौल खराब करने की साजिश

By: Priyanka Maheshwari Fri, 17 June 2022 6:33:40

जांच एजेंसियों ने जारी की चेतावनी,  'अग्निपथ' योजना के विरोध के बहाने देश में माहौल खराब करने की साजिश

केंद्र सरकार की नई योजना अग्निपथ को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। यूपी, बिहार और तेलंगाना में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें फूंक दीं। कई जगह रेलवे ट्रैक और सड़क जाम कर दी गई। तेलंगाना के सिकंदराबाद में ट्रेन के एक रेल कोच में आग लगा दी गई। रेलवे स्टाफ ने तुरंत ही उस कोच में सवार 40 यात्रियों को निकालकर सबकी जान बचा ली। यात्रियों में बच्चे भी शामिल थे। बिहार में 25 जिलों में जमकर बवाल हो रहा है। समस्तीपुर में 2, लखीसराय में 2, आरा और सुपौल में एक-एक यात्री ट्रेन में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। वहीं, बक्सर और नालंदा समेत कई जिलों में रेलवे ट्रैक पर आगजनी की गई है। अब इस बीच केंद्रीय जांच एजेंसियों ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया है। कहा गया है कि सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैला माहौल खराब करने की साजिश है।

जारी बयान में कहा गया है कि असामाजिक तत्व हर कोशिश करेंगे कानून व्यवस्था बिगाड़ने की, सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने की। सभी राज्यों को अलर्ट किया गया है साथ ही अतिरिक्त फोर्स तैयार रखने को भी कहा गया है। जिससे हर तरह की स्थिति से निपटा जा सके।

क्या है ये अग्निपथ योजना?

अग्निपथ योजना की बात करें तो भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे। इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी। इन्हें पहले साल में 30,000, दूसरे साल में 33,000, तीसरे साल में 36,500 और चौथे साल में 40,000 मासिक वेतन दिया जाएगा।

क्यों हो रहा है विरोध?

इस स्कीम के मुताबिक सेवा समाप्त होने वाले 25% अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा। लेकिन इसी बिंदू पर युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि 25% अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75% अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा। नौजवान इस बात का भी विरोध कर रहे हैं कि चार साल बाद अग्निवीरों को ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलने वाले हैं, ऐसे में उन सभी का भविष्य बीच भवर में फंस जाएगा। लेकिन सरकार इन तर्कों को सही नहीं मानती है। उनकी नजरों में इन अग्निवीरों को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी कि चार साल बाद जब वे कही दूसरी जगह नौकरी के लिए जाएंगे, तो उन्हें काम भी मिलेगा और बेहतर सैलरी भी। वैसे देश भर हो रहे विरोध को शांत करने के लिए सरकार की तरफ से अग्निपथ भर्ती योजना के पहले बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है।

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