हरिद्वार। प्रयागराज महाकुंभ संपन्न करने के बाद निरंजनी अखाड़े के साधु संत हरिद्वार पहुंच गए हैं। हरिद्वार वासियों ने प्रयागराज महाकुंभ संपन्न करा कर हरिद्वार पहुंचे साधु संतों का फूल मालाओं से स्वागत किया जगह-जगह पर साधु संतों के आशीर्वाद के लिए लोगों की भीड़ एकत्र हुई।
इस दौरान निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान अखाड़े के सभी पदाधिकारी साधु संत कुंभ क्षेत्र में चले जाते हैं और होली के बाद वह वापस अपने अखाड़े द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को निभाने के लिए अपने-अपने स्थान पर पहुंचते हैं। इसी कड़ी में हरिद्वार के सभी साधु संत प्रयागराज कुंभ संपन्न कराकर हरिद्वार आए हैं जिनका सभी ने स्वागत किया है।
अब हरिद्वार अर्धकुंभ की तैयारी
इस दौरान निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ संपन्न होने के बाद अब हमारा अन्य कुंभों को लेकर कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब 2027 में अर्धकुंभ हरिद्वार में है। उसके बाद नासिक और उज्जैन में भी महाकुंभ हैं, जिनकी तैयारी में अब निरंजनी अखाड़े के सभी पदाधिकारी लग जाएंगे।
इसी के साथ 2027 में हरिद्वार में होने वाले अर्ध कुंभ पर बोलते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि- अर्ध कुंभ को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्तालाप हुआ है। हमने उनसे आग्रह किया है कि हरिद्वार में होने वाले अर्ध कुंभ को भी महाकुंभ की तरह ही आयोजित किया जाए। क्योंकि 2021 के दौरान कोरोना काल आ गया था, जिस कारण हरिद्वार में हुए महाकुंभ की रौनक कम रही थी। इसलिए 2027 में होने वाले अर्ध कुंभ को लेकर भी पहले सरकार से वार्तालाप की जाएगी। उसके बाद अखाड़ा परिषद सभी अखाड़ों की बैठक बुलाएगा और निर्णय लेगा कि 2027 का कुंभ किस तरह संपन्न करना है।
2027 में हरिद्वार में होना है अर्धकुंभ
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस बार महाकुंभ हुआ था। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। महाकुंभ 26 फरवरी को संपन्न हुआ था। प्रयागराज महाकुंभ 144 साल बाद हुआ था। यूपी सरकार के अनुसार 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में गंगा में डुबकी लगाई। कुंभ, अर्ध कुंभ और महाकुंभ धार्मिक आयोजनों के प्रकार हैं, जो अलग-अलग समय अंतराल पर और अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होते हैं। कुंभ मेला हर 12 साल में हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में से किसी एक स्थान पर आयोजित होता है। अर्ध कुंभ हर 6 साल में प्रयागराज और हरिद्वार में आयोजित होता है। महाकुंभ 144 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है। हरिद्वार में 2021 में कुंभ हुआ था। अब 2027 में अर्धकुंभ होना है।