काबुल एयरपोर्ट पर भूख-प्यासे लोग तोड़ रहे दम, मिल रहा 3000 रूपये में एक बोतल पानी 7500 रूपये में चावल की प्लेट
By: Pinki Thu, 26 Aug 2021 09:52:51
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से इस देश के हालात बेहद खराब हो गए है। लोग तालिबान के खौफ के चलते देश छोड़ने को उतारू है। अफगानिस्तान ने निकलने का बस एक ही रास्ता बचा है- काबुल एयरपोर्ट। यहां की सुरक्षा अमेरिकी सैनिकों के पास है। काबुल एयरपोर्ट पर करीब ढाई लाख लोगों की भीड़ है, जो अफगानिस्तान छोड़कर जाना चाहती है। हालात ये है कि एयरपोर्ट पर भूख-प्यासे इंसान दम तोड़ रहे हैं। इस बीच काबुल एयरपोर्ट से खबर आ रही है कि वहां खाना और पानी के दाम आसमान छू रहे हैं। यहां एक पानी की बोतल के दाम 3000 रूपये (40 डॉलर) और चावल की एक प्लेट के दाम 7500 रुपये (100 डॉलर) तक पहुंच गए है। एयरपोर्ट पर सिर्फ डॉलर में ही पेमेंट स्वीकार किए जा रहे हैं। ऐसे में अफगानियों की मुश्किलें और बढ़ गई है।
अफगानिस्तान से आए लोग बताते हैं कि काबुल में घर से एयरपोर्ट पहुंचने में उन्हें 5 से 6 दिन लग रहे है, क्योंकि शहर से एयरपोर्ट तक तालिबान का पहरा है। तालिबानी गोलीबारी से दहशत मची है और हजारों की भीड़ को पार कर एयरपोर्ट के अंदर जाना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। अगर एयरपोर्ट के अंदर चले भी गए तो प्लेन मिलने में करीब पांच से छह दिन का समय लग रहा है। महज बिस्किट नमकीन से गुजारा करना पड़ता है। खाने-पीने की इतनी कीमत होने से परेशानी और बढ़ गई है। अफगानिस्तान की हालत ये है कि कई बच्चे बिना माता-पिता के भी अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अभी तक 87 हजार 900 लोगों को वहां से निकाला जा चुका है। अमेरिका ने बताया कि मंगलवार से अब तक 42 अमेरिकी सैन्य विमानों से 19 हजार लोगों को निकाला गया है। इनमें 11,200 अमेरिकी और 48 सहयोगी देशों के 7,800 नागरिक शामिल हैं।
काबुल से निकाले गए 100 लोगों के हो सकते हैं ISIS से संबंध
अमेरिका और भारत समेत दुनिया के कई देश अपने-अपने नागरियों को अफगानिस्तान के निकाल रहे हैं। इस बीच अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि काबुल से एयरलिफ्ट किए गए 100 अफगानियों के संबंध ISIS जैसे आतंकी संगठनों से हो सकते हैं और ये लोग इंटेलीजेंस एजेंसी की निगरानी लिस्ट में शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के ऑटोमेटेड बायोमीट्रिक आईडेंटिफिकेशन सिस्टम से इन लोगों की पहचान हुई है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने एयरपोर्ट तक जाने वाली सड़कें ब्लॉक कर दी हैं। अफगानी अब एयरपोर्ट तक नहीं जा पाएंगे। सिर्फ विदेशी नागरिकों को ही उस सड़क से एयरपोर्ट तक जाने की इजाजत होगी। मुजाहिद ने कहा कि बीते दिनों में जो भी अफगान नागरिक काबुल एयरपोर्ट पर जुटे हैं, उन्हें अपने घर लौट जाना चाहिए। उसने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को तालिबान की तरफ से कोई सजा नहीं दी जाएगी। जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि हमारे लड़ाके महिलाओं की इज्जत करने के लिए ट्रेंड नहीं हैं, इसलिए कामकाजी महिलाओं से हमारी अपील है कि वे काम के लिए घर से बाहर न निकलें।
31 अगस्त के बाद भी लोगों को देश छोड़ने की इजाजत
अफगानिस्तान छोड़कर जाने वाले लोग 31 अगस्त के बाद भी वहां से निकल सकेंगे। तालिबान ने इसकी इजाजत दे दी है। न्यूज एजेंसी AFP ने जर्मन एंबेसी के हवाले से इसकी जानकारी दी है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कई बार बोल चुके हैं कि 31 अगस्त के बाद उनकी सेना अफगानिस्तान छोड़ देगी। हालांकि सोमवार को G7 देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से 31 अगस्त की डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग की थी। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका समेत नाटो देश की सेनाओं का नियंत्रण है। यहां से अलग-अलग देशों के नागरिकों को निकाला जा रहा है।