अफगानिस्तान में तालिबान पर जोरदार हमला, पंजशीर के लड़ाकों ने 300 तालिबानियों को किया ढेर
By: Pinki Mon, 23 Aug 2021 09:55:06
अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांत तालिबान के कब्जे में आ गए हैं। रह गया है तो सिर्फ पंजशीर, जिसे कब्जाने के लिए तालिबान और पंजशीर के लड़ाकों के बीच लड़ाई चल रही है। इसे लेकर खबरें आ रही थीं कि पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान पर रास्ते में घात लगाकर हमला किया। इस हमले में तालिबान के 300 मारे गए। तालिबान ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालाकि, तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर के दो जिलों पर कब्जा कर लिया है।
पंजशीर से सटे बगलान प्रांत के अंदराब जिले में बीती रात बड़ी तादाद में तालिबानी लड़ाकों ने हमला किया था। यहां कई लोगों के मारे जाने की खबर है। हमले को देखते हुए बगलान के देह-ए-सलाह जिले में विद्रोही लड़ाकों ने जुटना शुरू कर दिया है।
बानू के पूर्व पुलिस प्रमुख असदुल्ला ने कहा, 'ऊपर वाले और मुजाहिदीन के समर्थन से, तीन जिलों को मुक्त किया गया है। हम अब खिनजान जिले की ओर बढ़ रहे हैं। जल्द ही बगलान प्रांत को साफ कर देंगे।'
बगलान में राजमार्ग के प्रभारी पूर्व पुलिस कमांडर गनी अंदाराबी ने कहा, 'अल्लाह की मदद से, हमने तालिबान को बड़े पैमाने पर हताहत किया है। वर्तमान में बानू जिला सार्वजनिक विद्रोही ताकतों के नियंत्रण में है।'
दरअसल, पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद (Ahmad Massoud) और खुद को अफगानिस्तान (Afghanistan) का केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) तालिबान (Taliban) को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इकलौता प्रांत पंजशीर ही है, जहां तालिबान के खिलाफ नया नेतृत्व बन रहा है, जो तालिबान की सत्ता को मानने से इनकार कर रहा है।
इससे पहले अफगानिस्तान में पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने तालिबान के साथ जाने के दावे को खारिज कर दिया है। मसूद ने कहा है कि वह अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेगा और तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा। साथ ही तालिबान को ललकारते हुए कहा कि विरोध की शुरुआत हो चुकी है।
Update from the Anti-Taliban resistance - they tell me: Taliban ambushed in Andarab of Baghlan province. At least 300 Taliban fighters were killed. The group is lead by #AhmadMassoud & @AmrullahSaleh2 #Afghanistan pic.twitter.com/uJD1VEcHY1
— Yalda Hakim (@BBCYaldaHakim) August 22, 2021
मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा कोई शब्द नहीं : अहमद मसूद
फ्रांसीसी दार्शनिक बर्नार्ड-हेनरी लेवी ने बताया कि मैंने अहमद मसूद से फोन पर बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं। मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा कोई शब्द नहीं है। अहमद के पिता पहले सोवियत संघ और फिर तालिबान के खिलाफ विरोध का प्रमुख चेहरा थे। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अब मसूद की विरासत उनके 32 वर्षीय बेटे ने संभाली है।
तालिबान से खौफ नहीं
पंजशीर के लोगों का कहना है कि वे तालिबानी ताकतों के खिलाफ डटकर मुकाबला करेंगे। यहां के लोगों को तालिबान से खौफ नहीं है। बता दें कि पंजशीर घाटी की आबादी महज 2 लाख है। काबुल के उत्तर में यह इलाका महज 150 किलोमीटर दूर है। 70 और 80 के दशक में एक वक्त ऐसा आया जब तालिबान ने पंजशीर घाटी को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। फिर भी उन्हें पंजशीर में कामयाबी नहीं मिली। इसी दौरान जब सोवियत सैनिकों ने अफगानिस्तान पर हमला किया था, तब भी पंजशीर के लड़ाकों ने उन्हें शिकस्त दी थी। ताजिक समुदाय के रहने वाले लोग चंगेज खान के वंशज हैं। यह समुदाय लगातार तालिबानियों के लिए चुनौती बना हुआ है।
पंजशीर मामले को जल्दी हल करने के पक्ष में तालिबान
तालिबानी भी पंजशीर मामले को जल्दी हल करने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि पंजशीर के लड़ाकों को शांत नहीं किया गया तो उन्हें सरकार चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान के वार्ताकार अहमद मसूद से लगातार सरकार में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं। अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। हक्कानी के दावों की भी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
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