अफगानिस्तान: परिवार को भूख से बचाने के लिए पिता ने बेच दिया अपने जिगर का टुकड़ा! 43,000 रुपये में किया बेटी का सौदा
By: Pinki Fri, 10 Sept 2021 1:14:04
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद यहां के हालात दिन भर दिन बिगड़ते जा रहे है। जब से तालिबान ने सत्ता संभाली है यहां के नागरिकों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। स्तिथि इतनी बिगड़ गई है कि यहां के नागरिक अब अपनी बेटियों को बेचने को मजबूर हो गए है। ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ऑफ लंदन की एक खबर के मुताबिक नाजिर बस 580 डॉलर यानी भारतीय रुपयों में करीब 43,000 रुपए के लिए अपनी बेटी को बेचने के लिए तैयार हैं। उनके परिवार में 7 लोग हैं और वो इन सातों को भूख से बचाने के लिए मजबूर हैं। 4 साल की उनकी बेटी साफिया घर में सबसे छोटी है और नाजिर को उम्मीद है कि ऐसा करने से उनकी गुड़िया की जिंदगी भी बच सकेगी। नाजिर ने बताया है कि वो अपनी बच्ची को बेचने के लिए बातचीत भी कर रहे हैं।
नाजिर 15 अगस्त के पहले तक अफगान पुलिस में एक छोटे से कर्मचारी थे। तालिबान ने देश पर कब्जा किया और उनकी नौकरी चली गई। सारी सेविंग्स खत्म हो गई हैं और अब परिवार का पेट कैसे भरें, ये बड़ा सवाल हो गया है। घर का किराया भी चुकाना है और नाजिर को बेटी को बेचने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है।
38 साल के नाजिर ने बताया, 'मैं अपनी बेटी को बेचने की जगह मरना पसंद करूंगा। मगर मेरी मौत से मेरे परिवार के किसी सदस्य का कोई भला नहीं होगा। फिर मेरे बाकी के बच्चों को कौन खिलाएगा।'
आंखों में आंसू लिए नाजिर ने आगे कहा, 'ये मेरी पसंद या मेरे पास मौजूद विकल्प का मसला नहीं है बल्कि यह निराशा और बेचैनी के बारे में है।'
दुकान पर काम करेगी साफिया
लंदन टाइम्स के रिपोर्टर एंथनी लॉयड ने नाजिर की स्टोरी को कवर किया है। लॉयड से बात करते हुए नाजिर ने कहा कि तालिबान की वजह से पुलिस की नौकरी चली गई। अब परिवार का पेट कैसे पलेगा, खाना कहां से आएगा, ये सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है और कहीं से कोई उम्मीद नहीं है।
मीर ने बताया कि एक दुकानदार मिला। उसे बाप बनने का सुख नहीं मिला। उसने मुझे ऑफर दिया कि वो मेरी साफिया को खरीदना चाहता है। वो उसकी दुकान पर काम भी करेगी। हो सकता है, आगे आने वाले समय में उसकी तकदीर संवर जाए।
नाजिर के मुताबिक वो अब पुलिसकर्मी से हम्माल और मजदूर बन गए हैं। दुकानदार ने हालांकि पहले 20 हजार अफगानीस यानी करीब 17,000 रुपए में बेटी को खरीदने की इच्छा जताई थी। फिर मोल-तोल करके 50 हजार अफगानीस यानी करीब 43,000 रुपए पर बात फिक्स हुई।